'ये एक व्यवस्थित षड्यंत्र है...', चुनाव नियम परिवर्तन को लेकर केद्र पर बरसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को चुनाव दस्तावेजों तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए चुनाव नियमों में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने इसे चुनाव आयोग की ईमानदारी को कमजोर करने की जानबूझकर की गई साजिश बताया. खरगे ने केंद्र पर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को खत्म करने का आरोप लगाया और इसे संविधान और लोकतंत्र पर हमला बताया.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव दस्तावेजों की सार्वजनिक पहुंच को सीमित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चुनाव नियम, 1961 में किए गए संशोधनों पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने इस कदम को चुनाव आयोग की निष्पक्षता और स्वतंत्रता को कमजोर करने की सोची-समझी साजिश करार दिया. खरगे ने कहा कि यह संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

खरगे ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की साजिश का हिस्सा है. उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी.

केंद्र पर तीखा हमला

मल्लिकार्जुन खरगे ने X पर पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने लिखा, "चुनाव नियमों के संचालन में मोदी सरकार का दुस्साहसिक संशोधन भारत के चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने का व्यवस्थित षड्यंत्र है."

चुनाव नियमों में हुए संशोधन

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को चुनाव आयोग की सिफारिश पर चुनाव नियम, 1961 में संशोधन करते हुए कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों, जैसे सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक निरीक्षण से बाहर कर दिया. केंद्र का तर्क है कि इस कदम का उद्देश्य इन दस्तावेजों के दुरुपयोग को रोकना है.

खरगे ने की कड़ी निंदा

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इससे पहले मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्त चयन पैनल से हटा चुकी है. अब, वे हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद चुनावी जानकारी को रोकने का प्रयास कर रहे हैं.

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

खरगे ने आरोप लगाया कि जब भी कांग्रेस पार्टी ने मतदाताओं के नाम हटाने या ईवीएम में पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दों पर चुनाव आयोग से शिकायत की, आयोग ने उन्हें अनदेखा किया. इससे यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रहा है.

लोकतंत्र और संविधान पर हमला

खरगे ने कहा, "मोदी सरकार चुनाव आयोग की ईमानदारी और निष्पक्षता को कमजोर कर रही है. यह संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है. कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगी." उन्होंने यह भी कहा कि नियम-93 के अनुसार चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज़ सार्वजनिक निरीक्षण के लिए खुले होने चाहिए.

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22 December 2024, 04:17 PM IST

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