Madhabi Puri Buch: सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं. शुक्रवार को कांग्रेस ने अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस नया आरोप लगाया है कि उन्हें मुंबई की एक कंपनी से जुड़ी इकाई से किराये की इनकम हासिल हुई है, जिसकी बाजार नियामक इनसाइडर ट्रेडिंग समेत कई मामलों में जांच कर रहा है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "यह सिर्फ हितों का टकराव नहीं है, बल्कि पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है. क्या यह नैतिक है, क्या यह कानूनी है? ये पूरी तरह से करप्शन का मामला है."
खेड़ा ने आरोप लगाया कि बुच ने 2018-19 में मुंबई में अपनी एक प्रॉपर्टी 7 लाख रुपये में कैरोल इंफो सर्विसेज लिमिटेड को किराए पर दी थी. तब बुच सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थीं. उन्होंने कहा कि कैरोल इंफो सर्विसेज लिमिटेड वॉकहार्ट लिमिटेड से जुड़ी हुई है, जिसकी सेबी कई मामलों में जांच कर रही है, जिसमें इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला भी शामिल है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब Whole Time Member बनने के बाद उन्होंने अपनी एक प्रॉपर्टी किराए पर दे दी. 2018-19 के वित्तीय वर्ष में इन्हें इसपर 7 लाख रुपए किराया मिला. उन्हें 2019-20 में उसी प्रॉपर्टी के लिए 36 लाख रुपए किराया मिला, जो इस साल तक बढ़ते हुए 46 लाख रुपए तक पहुंच गया.
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि माधबी बुच को 2018-19 से 2023-24 तक कैरोल इन्फो सर्विसेज लिमिटेड से किराए के रूप में 2.16 करोड़ रुपये मिले. बुच को मिले किराए का ब्यौरा देते हुए खेड़ा ने कहा, "2018-19 में इस संपत्ति का किराया 7 लाख रुपये था. 2019-20 में यह बढ़कर 36 लाख हो गया. 2023-24 में उन्हें फर्म से 46,05,000 रुपये का किराया मिला." उन्होंने आगे कहा कि माधबी पुरी बुच उसी संगठन (सेबी) की अध्यक्ष हैं, जिसके खिलाफ वॉकहार्ट के खिलाफ पहले भी शिकायतें की गई थीं. इनसाइडर ट्रेडिंग का भी मामला था. First Updated : Friday, 06 September 2024