कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक: महाराष्ट्र में 1 करोड़ मुस्लिम वोट का असर, क्या बीजेपी की होगी हार

Maharashtra Chunav 2024:  कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव में एक मास्टर स्ट्रोक खेला है, जिससे 1 करोड़ मुस्लिम वोटों का समर्थन मिल सकता है। इस रणनीति से बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्या कांग्रेस के इस कदम से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।

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Muslim Voters spoil game in Maharashtra:  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में प्रचार का दौर तेज हो चुका है। चुनावी माहौल में नेताओं के बयान भी सुर्खियों में हैं, जिनमें बीजेपी द्वारा मुस्लिम वोटों को "वोट जिहाद" कहा गया है। इस बयान पर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने जोरदार पलटवार करते हुए इसे अंग्रेजों से जोड़ दिया। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि राज्य में मुस्लिम समुदाय की चुनावी भूमिका कितनी प्रभावी है और किस तरह के मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं।

मुसलमानों की प्रभावी सीटें

महाराष्ट्र की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग 11 प्रतिशत है, यानी करीब 1 करोड़ 30 लाख लोग। राज्य में करीब 120 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम वोटरों का निर्णायक प्रभाव है। इनमें से 60 सीटों पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 15 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 38 सीटों पर यह संख्या 20 प्रतिशत से अधिक है। कुछ सीटों पर तो मुस्लिम वोटरों की संख्या 40 प्रतिशत तक है, जो चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है।

मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या

इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख गठबंधनों द्वारा मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या अपेक्षाकृत कम रखी गई है। बीजेपी और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है। शिंदे गुट की शिवसेना ने 1 और अजित पवार की पार्टी ने 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में कांग्रेस ने 9, एनसीपी ने 1 और समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि महाराष्ट्र की 150 विधानसभा सीटों पर एक भी मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ रहा है।

मुस्लिम वोट बैंक और चुनावी समीकरण

महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटों की दिशा आमतौर पर कांग्रेस और एनसीपी के पक्ष में रही है। लेकिन इस बार, उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना द्वारा एक भी मुस्लिम उम्मीदवार न उतारने से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी बढ़ सकती है। इस स्थिति का फायदा महायुति को हो सकता है, क्योंकि यदि मुस्लिम वोटर मतदान में हिस्सा नहीं लेते हैं तो भी इसका फायदा महायुति को ही मिलेगा।

पवार की रणनीतियां मुस्लिम वोटों पर डाल सकती हैं असर

इसके अलावा, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और अजित पवार की रणनीतियां मुस्लिम वोटों पर असर डाल सकती हैं। खासकर मुंबई में, जहां अजित पवार का चुनावी गणित मुस्लिम वोटों पर निर्भर है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मुस्लिम समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। यह देखा जाएगा कि कौन सा दल मुस्लिम वोटों को आकर्षित करने में सफल होता है और चुनावी रणनीतियों के हिसाब से कौन सी पार्टी को सबसे ज्यादा लाभ मिलता है। First Updated : Tuesday, 12 November 2024