CWC Meeting: कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग, हैदराबाद में जुटेंगे देशभर से नेता, ये होगी रणनीति!
Congress Working Committee Meeting: मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष और महागठबंधन इंडिया बनने के बाद पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग होने जा रही है.
हाइलाइट
- 16 सितंबर से 7 सितंबर तक चलेगी मीटिंग
- पिछले महीने ही कांग्रेस वर्किंग कमिटी की नई टीम बनी है
Congress Working Committee Meeting: शनिवार को हैदराबाद में होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमिटी की पहली बैठक ने तेलंगाना में पार्टी नेताओं और कैडर के बीच उत्साह पैदा कर दिया है, जहां अगले तीन महीनों में चुनाव होने वाले हैं. ये मीटिंग आज से यानी 16 सितंबर से 7 सितंबर तक चलेगी. हैदराबाद में शुरू होने जा रही इस मीटिंग में तेलंगाना समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा इलेक्शन पर चर्चा की जाएगी और इसके लिए रणनीति भी बनाई जाएगी.
मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष और महागठबंधन इंडिया बनने के बाद पहली बार ये बैठक होने जा रही है. मल्लिकार्जुन खरगे ने पिछले महीने ही कांग्रेस वर्किंग कमिटी की नई टीम का ऐलान किया था.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
हैदराबाद में होने वाली इस मीटिंग में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. इसके साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा इलेक्शन और महागठबंधन इंडिया को लेकर भी चर्चा की जाएगी. इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा और जम्मू-कश्मीर जैसे मुद्दों पर भी बात की जाएगी.
इसको लेकर पार्टी के नेता और कैडर उत्साहित हैं, क्योंकि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और खड़गे सहित पार्टी के कई शीर्ष नेता राज्य विधानसभा के साथ-साथ 2024 के आगामी चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए मीटिंग में शामिल होंगे.
16 और 17 सितंबर में होगी बैठक
हैदराबाद में पार्टी विजय रैली निकालेगी और वहां पर तेलंगाना के लिए पांच गारंटियों की ऐलान भी किया जाएगा. पिछले महीने ही मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी की नई टीम बनाई थी. एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा, 'लोग मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के भ्रष्ट शासन को उखाड़ फेंकने के अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'सोनिया गांधी ने तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा देने का वादा किया और 2014 में अपना वादा पूरा किया. दुर्भाग्य से, हमारी पार्टी सत्ता में नहीं आ सकी. लेकिन अब, तेलंगाना के लोगों को बीआरएस सरकार को चुनने की अपनी मूर्खता का एहसास हो गया है, जो देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बन गई है.'