दिल्ली अध्यादेश पर संविधान पीठ करेगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की पीठ बनाई
Delhi Ordinance: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के सेवा अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पांच जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया है. अब जल्द ही संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी.
हाइलाइट
- दिल्ली अध्यादेश पर संविधान पीठ करेगी सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की पीठ बनाई
- दिल्ली सरकार की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया
Delhi Ordinance: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर अध्यादेश पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई और मामला पांच जजों की संविधान पीठ को भेजा है. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को ना भेजे जाने की दिल्ली सरकार की मांग को ठुकरा दिया है.
तीन न्यायाधीशों की पीठ कर सकती है फैसला
CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई शुरू हुई. दिल्ली की ओर से सिंघवी ने कहा कि अध्यादेश मामले को संविधान पीठ भेजने की जरूरत नहीं है. अध्यादेश में योजना को खत्म करने का प्रभाव है और इसे संवैधानिक पीठ के संदर्भ की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट ने नोट किया था कि अनुच्छेद 239 में बदलाव एक सुविधाजनक तरीका है न कि कोई संशोधन. इसका फैसला तीन न्यायाधीशों की पीठ कर सकती है.
कोई भी नौकरशाह नहीं ले रहा आदेश
सिंघवी ने कहा कि संविधान पीठ के किसी भी संदर्भ से पूरी व्यवस्था ठप हो जाएगी क्योंकि इसमें समय लगेगा. यह बहुत छोटा बिंदु है, जिसे 370 से पहले लिया जा सकता है. इस पर सीजेआई ने कहा कि हम 370 पर सुनवाई को नहीं टालेंगे. सिंघवी ने कहा कि कोई भी नौकरशाह आदेश नहीं ले रहा है. 437 सलाहकारों को हटा दिया. राज्यपाल को अध्यादेश के तहत हटाने की शक्ति कैसे है? उनके पास दिल्ली प्रशासन चलाने की कोई शक्ति नहीं है.
एलजी की ओर से हरीश साल्वे ने कहा कि ये सब सलाहकार पार्टी कार्यकर्ता हैं. उन्हें हटाने के लिए अध्यादेश की आवश्यकता नहीं है. सीजेआई ने कहा कि हम इसे संविधान पीठ को भेजेंगे.