कांग्रेस के नए दफ्तर के नाम पर शुरू हुआ विवाद, पोस्टर बदलाव पर जानें क्या बोली पार्टी?

कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय का उद्घाटन हाल ही में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की उपस्थिति में किया गया. यह मुख्यालय कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें विशेष साउंड प्रूफ केबिन और पार्टी के प्रमुख नेताओं के कार्यालय शामिल हैं. हालांकि, इस उद्घाटन के बाद 'इंदिरा भवन' का नाम बदलकर 'सरदार मनमोहन सिंह भवन' करने की मांग उठने लगी है.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

Congress Controversy: कांग्रेस पार्टी का नया दफ्तर जहां राजनीति का नया विवाद खड़ा कर रहा है, वहीं इसके नाम को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह को नजरअंदाज कर दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सफाई भी दी है, जबकि भाजपा ने इंदिरा गांधी के नाम पर भवन का नाम रखने पर सवाल उठाए हैं.

भाजपा का आरोप

आपको बता दें कि भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ''कांग्रेस के नए दफ्तर के बाहर पोस्टर लगे हैं, जो कांग्रेस के समर्थकों ने लगाए होंगे. इन पोस्टरों में यह कहा गया है कि इस भवन का नाम इंदिरा गांधी के बजाय मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए. कांग्रेस पार्टी एक परिवार के आगे सोच नहीं पाती है.''

वहीं आगे उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने डॉक्टर मनमोहन सिंह के सम्मान पर गंदी राजनीति की, जबकि पीवी नरसिम्हा राव, प्रणब मुखर्जी समेत कई नेताओं के योगदान को भी अनदेखा किया है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राष्ट्रीय शोक के समय राहुल गांधी का पार्टी से बाहर जाना भी असंवेदनशीलता का प्रतीक माना है.''

कांग्रेस की सफाई

बताते चले कि कांग्रेस पार्टी ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि ''नए भवन का नाम पहले से ही तय किया गया था और इस मामले में इस तरह की मांग करना उचित नहीं है.'' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने स्पष्ट किया कि इस भवन का नाम 'इंदिरा भवन' पहले ही तय किया गया था और यह नाम 2010 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा तय किया गया था. वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी और कहा, ''कांग्रेस का इतिहास 140 साल पुराना है और इंदिरा भवन का नाम पहले से ही तय था. यह नाम पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही तय किया गया था.''

इंदिरा भवन की सुविधाएं

इसके अलावा आपको बता दें कि कांग्रेस के नए दफ्तर को पार्टी और उसके नेताओं की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. यहां प्रशासनिक, संगठनात्मक और रणनीतिक कार्यों के लिए आधुनिक सुविधाएं दी गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भवन में हाईटेक प्रेस कॉन्फ्रेंस रूम, साउंडप्रूफ चेंबर, ऑडिटोरियम और अलग-अलग विभागों के लिए कमरे तैयार किए गए हैं.

पूर्व दफ्तर का इतिहास

बहरहाल, दिल्ली के लुटियंस क्षेत्र में स्थित 24 अकबर रोड कांग्रेस पार्टी का दफ्तर 47 साल तक रहा. यहां इंदिरा गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खरगे तक सात कांग्रेस अध्यक्षों का कार्यकाल रहा. अब कांग्रेस ने 9ए कोटला मार्ग पर नए दफ्तर का उद्घाटन किया है, जो पार्टी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है.

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15 January 2025, 12:33 PM IST

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