असम में नमाज की छुट्टी पर नया विवाद, बिस्वा से नाराज दिखे तेजस्वी, कह दी बड़ी बात
Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सरकारी दफ्तरों में शुक्रवार की नमाज़ की छुट्टी को समाप्त करने का सुझाव दिया है. विपक्ष इस पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगा रहा है. मुख्यमंत्री का दावा है कि इससे कामकाज में सुधार होगा लेकिन तेजस्वी यादव इसे राजनीति का चालाक कदम मानते हैं. जानिये क्या है नमाज की छुट्टी पर का पूरा मामला
Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हमेशा से अपनी बात बेबाक तरीके से रखते आये है और खुलकर बोलते भी आये है जिसका कारण है की वो विवादों का हिस्सा बन जाते है. अभी हाल ही में उन्होंने एक और विवादित सुझाव दिया है जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. दरसल उन्होंने शुक्रवार को सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में नमाज़ के लिए दी जाने वाली छुट्टी को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है.
इस प्रस्ताव ने राज्य में राजनीति का एक नया मोर्चा खोल दिया है और विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि यह कदम सरकारी कामकाज में बाधा को दूर करने के लिए उठाया गया है. उनके अनुसार शुक्रवार को नमाज के लिए दी जाने वाली छुट्टी के कारण कामकाजी माहौल काफी प्रभावित हो रहा है और इसे समाप्त करने से कार्यक्षमता में सुधार होगा.
विपक्ष ने की मुख्यमंत्री की आलोचना
सरमा के इस प्रस्ताव की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है. तेजस्वी यादव ने इसे 'सस्ते लोकप्रियता की राजनीति' करार दिया है. उनका कहना है कि यह निर्णय केवल मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए लिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सरमा मुस्लिमों को एक आसान लक्ष्य मान रहे हैं और उनके खिलाफ़ असंवेदनशील कदम उठा रहे हैं.
धार्मिक भेदभाव को मिलेगा बढ़ावा
इस मुद्दे पर समाजसेवी संगठनों और अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है. उनका कहना है कि यह कदम धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देगा और समाज में असंतोष पैदा करेगा. उनका तर्क है कि धार्मिक छुट्टियों को खत्म करने से समाज में सहिष्णुता की भावना को नुकसान पहुंचेगा.
मुख्यमंत्री सरमा का बयान और विपक्ष की प्रतिक्रियाओं के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि इस प्रस्ताव को लेकर अंतिम निर्णय क्या होगा. इस विवाद ने राज्य में धार्मिक और राजनीतिक बहस को नया मोड़ दे दिया है और इस पर आगे की प्रतिक्रियाओं का इंतजार किया जा रहा है.