एक्शन में मोदी सरकार, डिजिटल अरेस्ट के खिलाफ उठाया बड़ा कदम
Against Digital Arrest: प्रधानमंत्री मोदी की सलाह के बाद, गृह मंत्रालय ने साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामलों से निपटने के लिए एक विशेष कदम उठाया. मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं को रोकने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है.
Against Digital Arrest: देश में बढ़ते साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी की निगरानी गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव द्वारा की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 115वें एपिसोड में देशवासियों को डिजिटल अरेस्ट से सावधान रहने की सलाह दी थी. उन्होंने साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए "रुको-सोचो-एक्शन लो" का मंत्र भी साझा किया था.
बताया जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. गृह मंत्रालय के 14सी विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क साधा है और प्रत्येक केस की निगरानी का जिम्मा उठाया है. सरकार साइबर अपराधों को रोकने के लिए विशेष कदम उठा रही है. साथ ही लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
6,000 से अधिक डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें दर्ज
इस साल डिजिटल अरेस्ट से संबंधित 6,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं. गृह मंत्रालय के साइबर विंग ने अब तक 6 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया है जो साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट के मामलों में शामिल थे. इसके अलावा, 14सी विंग ने 709 मोबाइल एप्लिकेशन और साइबर अपराधों में संलिप्त 1 लाख 10 हजार आईएमईआई नंबरों को भी ब्लॉक किया है. साइबर फ्रॉड से जुड़े 3.25 लाख फर्जी बैंक खातों को भी फ्रीज किया गया है.
'मन की बात' में पीएम मोदी ने दी चेतावनी
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट और साइबर धोखाधड़ी को लेकर लोगों को जागरूक किया. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी सबसे पहले आपकी व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करते हैं और फिर फोन पर दबाव बनाकर आपको डराने की कोशिश करते हैं. इसके बाद ये अपराधी समय का अभाव बताकर मानसिक दबाव बनाते हैं, जिससे व्यक्ति आसानी से उनके जाल में फंस जाता है.