चक्रवाती तूफान मोका की लहरें अभी शांत भी नहीं हुई थी कि देश में एक और नए साइक्लोन का खतरा पैदा हो गया है। देश के तटीय इलाकों पर एक और चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। ये कौन सा साइक्लोन है और कितना नुकसान पहुंचा सकता है इसका पूरा लेखा जोखा हम विस्तार से बताएंगे लेकिन उससे पहले आप हमारा चैनल जरूर सब्सक्राइब कर लें और वेल आइकन भी प्रेश करना न भूलें।
भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी की IMD ने कहा है कि गुजरात में दक्षिणी पोरबंदर में दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ सकता है। इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है. इस तूफान को 'बिपरजॉय' नाम दिया गया है। बांग्लादेश की तरफ से ये नाम दिया गया है। मौसम विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि कम दबाव का क्षेत्र सुबह साढ़े आठ बजे दक्षिण-पश्चिम गोवा से करीब 950 किलोमीटर, दक्षिण-पश्चिम मुंबई से 1,100 किलोमीटर, दक्षिण पोरबंदर से 1,190 किलोमीटर और पाकिस्तान में दक्षिण कराची से 1,490 किलोमीटर पर बना हुआ था. अगले 24 घंटों के दौरान दबाव क्षेत्र के उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। यह पूर्व-मध्य अरब सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि चक्रवाती तूफान के 8 जून की सुबह तक भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने और 9 जून शाम तक प्रचंड रूप लेने की संभावना है। जिसका सीधा असर केरल-कर्नाटक के तटों और लक्षद्वीप-मालदीव के इलाकों में देखने को मिलेगा। इसके साथ ही कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर 8 से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। खतरे को देखते हुए समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है साथ ही अगले दो-तीन दिनों तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।