Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे लव जिहाद के मामलों के बीच, बरेली के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक लव जिहाद मामले में आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस दौरान कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने कुछ विवादास्पद बातें की हैं. उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग से लव जिहाद की घटनाएं हो रही हैं और इसे लव जिहाद का उदाहरण बताया.
जज ने कहा कि लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य जनसंख्याबल को बदलना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचाना है. उन्होंने इसे एक धार्मिक समूह के कट्टरपंथियों द्वारा प्रेरित बताया और कहा कि यह धोखाधड़ी से गैर-मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम में बदलने की प्रक्रिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मामले में पीड़िता ने कोर्ट में कहा कि उसका पहला बयान दक्षिणपंथी लोगों के दबाव में था.
कोर्ट ने 42 पन्नों का आदेश जारी किया और लव जिहाद की प्रकृति, उद्देश्य और वित्तपोषण के बारे में भी जानकारी दी. जज रवि कुमार पहले भी वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के फैसले के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये अवैध धर्मांतरण कुछ चरमपंथियों द्वारा किए जाते हैं और ये पूरे धार्मिक समुदाय को नहीं दर्शाते.
कोर्ट ने लव जिहाद को एक खतरा बताया, जो भारत की एकता और अखंडता को अस्थिर करने की साजिश के तहत हो रहा है. लव जिहाद को परिभाषित करते हुए, कोर्ट ने कहा कि इसमें एक समुदाय के पुरुष दूसरे समुदाय की महिलाओं को शादी के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए निशाना बनाते हैं.
यह मामला मई 2023 में सामने आया, जब एक युवती ने शिकायत दर्ज कराई. उसने कहा कि 23 वर्षीय आरोपी मोहम्मद आलिम ने 2022 में उसे अपने कोचिंग क्लास में मिलकर अपना नाम आनंद बताया. 13 मार्च 2022 को एक मंदिर में शादी के बाद, युवती को उसकी असली पहचान का पता चला. आलिम पर बलात्कार, आपराधिक धमकी और चोट पहुंचाने के कई आरोप लगाए गए हैं. उसके पिता पर भी आपराधिक धमकी का आरोप है और उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है. First Updated : Wednesday, 02 October 2024