शिमला का लाल सेव बदनाम: Whatsapp पर डिमांड, हरियाणा-कश्मीर तक ऐसे होती है सप्लाई

नई दिल्ली से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक सेब व्यापारी ने व्हाट्सएप के जरिए ड्रग्स का बड़ा रैकेट चलाया. शाही महात्मा उर्फ शशि नेगी ने पिछले कई सालों से चिट्टा की सप्लाई की, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि डिलीवरी करने वाला और रिसीवर कभी मिले नहीं. क्या आपको पता है कि कैसे यह रैकेट चलाया जाता था जानिए इस पूरे मामले की गहराई को, क्योंकि यह कहानी सिर्फ ड्रग्स की नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध की है!

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Drugs Smuggling Through Whatsapp: नई दिल्ली से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां व्हाट्सएप के माध्यम से ड्रग्स के ऑर्डर जेनरेट किए जाते थे. एक ऐसा रैकेट, जिसमें डिलीवरी करने वाला और अंतिम रिसीवर कभी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे. यह रैकेट ऊपरी शिमला क्षेत्र में सेब व्यापारी शाही महात्मा उर्फ शशि नेगी द्वारा संचालित किया जा रहा था. पिछले पांच से छह वर्षों में, उसने अंतरराज्यीय 'चिट्टा' (मिलावटी हेरोइन) का बड़ा कारोबार किया जिससे वह प्रवर्तन एजेंसियों से बचने में सफल रहा.

ड्रग्स की मांग और आपूर्ति

शाही महात्मा ने ड्रग्स की मांग और आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम किया. 20 सितंबर को पुलिस को खरापाथर से 465 ग्राम 'चिट्टा' जब्त करने के बाद इस रैकेट का भंडाफोड़ हुआ. शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि आरोपी मुदासिर अहमद मोची जो जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का निवासी है, उसने शाही महात्मा के साथ संबंध स्थापित किए और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

सेब की आड़ में कारोबार

नेगी ने 40 सहयोगियों के साथ मिलकर रोहड़ू, जुब्बल-कोटखाई और ठियोग जैसे इलाकों में सेब के कारोबार की आड़ में ड्रग्स का वितरण किया. उसके नाइजीरियाई और अन्य गिरोहों के साथ संबंध थे जो नई दिल्ली, हरियाणा और कश्मीर में सक्रिय थे. पुलिस ने बताया कि ड्रग्स डिलीवरी से पहले चार बार हाथ बदलती थी. इससे यह सुनिश्चित होता था कि नेगी का किसी भी भागीदार से सीधा संपर्क न हो.

आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग

दरअसल ऑर्डर व्हाट्सएप के माध्यम से रखे जाते थे और ड्रग्स को अलग-अलग स्थानों पर रखा जाता था. खरीदारों के साथ वीडियो साझा करके पिकअप का प्रबंध किया जाता था. लेन-देन से प्राप्त धन सोलन में नेगी के बैंक खाते में पहुंचने से पहले कई बैंक खातों से होकर गुजरता था. गांधी ने बताया कि जिन लोगों के खातों का इस्तेमाल हुआ, उन्हें कभी नहीं पता चला कि यह ड्रग मनी है.

पुलिस की कार्रवाई और जागरूकता

पिछले 15 महीनों में, नेगी के खातों में 2.5 से 3 करोड़ रुपये का फंड फ्लो पाया गया. पुलिस ने पहले से ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत नौ लोगों के खिलाफ पांच एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. स्थानीय खुफिया नेटवर्क की मदद से पिछले 18 महीनों में शिमला में 205 अंतरराज्यीय तस्करों सहित 650 मामलों के पंजीकरण और 1,100 ड्रग तस्करों की गिरफ्तारी की गई है.

भविष्य की रणनीति

ड्रग तस्करी को रोकने के लिए पुलिस अब शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर गश्त और निगरानी बढ़ाने की योजना बना रही है. यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे तकनीक का दुरुपयोग करके लोग अपनी जान और समाज को खतरे में डालते हैं. हमें इस दिशा में जागरूक रहना होगा ताकि हम ऐसे रैकेट्स को समय पर रोक सकें. First Updated : Sunday, 29 September 2024