बेटी और दामाद ने ही भेजा था पार्सल लाश, आंध प्रदेश पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
आंध्र प्रदेश के गोदावरी में महिला ने अपने घर के लिए बिजली का सामान मंगवाया तो घर आए पार्सल को खोलने पर उसमें एक व्यक्ति की लाश मिली. यह देखकर महिला बुरी तरह डर गई और पुलिस को इसकी सूचना दी. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है.
पश्चिमी गोदावरी पुलिस ने पिछले हफ्ते एक परिवार को पार्सल में शव भेजे जाने के मामले का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने श्रीधर वर्मा, पेनमेत्सा सुषमा और चेकुरी रेवती को सागी तुलसी और उसके माता-पिता मुदुनुरी रंगा राजू और मुदुनुरी हिमावती को धमकाने के लिए 'ऑपरेशन सिद्ध-चेपा' की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
पार्सल में मिली थी लाश
बताते चलें कि येंडागांडी गांव में एक महिला को उसके घर के लिए ऑर्डर किए गए इलेक्ट्रिकल सामान की जगह पार्सल में इंसानी शरीर का हिस्सा मिला.इसके साथ एक लेटर भी था, जिसमें करीब 1.5 करोड़ रुपये की रकम की मांग की गई थी. पुलिस ने मृतक की पहचान गांधीनगर निवासी बी. परलेया के रूप में की.
पश्चिमी गोदावरी जिले के एसपी अदनान नईम असमी ने कहा कि तुलसी को संपत्ति का अपना हिस्सा छोड़ने के लिए मजबूर करने के लिए यह साजिश रची गई. उन्होंने बताया कि आरोपी पिछले कई महीनों से अलग-अलग तरीके खोज रहे थे. पुलिस ने वर्मा (37), सुषमा (37) और रेवती (31) को गिरफ्तार किया है. वर्मा और सुषमा लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं, जबकि रेवती श्रीधर वर्मा की पत्नी है
पुलिस के अनुसार, रेवती और तुलसी, राजू और हिमावती की बेटियां हैं.2012 में अपने पति के लापता हो जाने के बाद तुलसी अपने माता-पिता के साथ येंदागांडी गांव में रहने लगी थी. तुलसी और उसकी मां के बीच कुछ मतभेद के कारण, वह अपनी नाबालिग बेटी के साथ अलग रहने लगी और येंदागांडी के जगन्नाण्णा कॉलोनी में अपने लिए एक घर का निर्माण कराने लगी.
जमीन के लिए उठाया खौफनाक कदम
पुलिस ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने सितंबर में दो बार तुलसी से संपर्क किया और राजमुंदरी क्षत्रिय फाउंडेशन की ओर से उसके घर के लिए टाइल्स और पेंट जैसी निर्माण सामग्री दान में भेजने की पेशकश की. दिसंबर में उसी व्यक्ति ने फिर से उससे संपर्क किया और एक डिब्बे में कुछ बिजली के सामान भेजने का दावा किया. लेकिन उस डिब्बे में एक लाश थी. राजू ने अपनी दोनों बेटियों को आधा एकड़ कृषि भूमि आवंटित कर दी थी तथा 1.4 एकड़ भूमि अपने लिए रख ली थी, जबकि जिस मकान में वे रह रहे थे, वह उनकी पत्नी हिमावती के नाम पर था.
श्रीधर वर्मा और रेवती की नजर अपने पिता की जमीन पर थी. इसके लिए उन्होंने तुलती को डराने की योजना बनाई. पुलिस ने बताया कि इस योजना के तहत वर्मा और सुषमा ने 17 दिसंबर को अपने खेत पर कुछ काम के लिए परलैया को काम पर रखा और फिर उसे शराब पिलाई. वे परलैया को अपनी कार में वेंद्रम गांव ले गए और तार से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को लकड़ी के बक्से में रख दिया, जिसे बाद में ऑटो रिक्शा में राजू के घर भेज दिया गया. तुलसी का मानना था कि यह बिजली के सामान से भरा एक बक्सा था जिसे दान में देने का वादा किया गया था.
वर्मा ने की जमीन बेचने को कहा
राजू, तुलसी और हिमावती को और अधिक डराने के लिए सुषमा ने 1.3 करोड़ रुपये की मांग करते हुए एक गुमनाम पत्र लिखा और उसे बॉक्स के साथ चिपका दिया, जबकि वर्मा बॉक्स की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए रेवती के साथ लगातार संपर्क में रहा. जब बक्सा राजू के घर पहुंचा तो उन्हें पता चला कि उसमें बिजली का सामान नहीं बल्कि एक लाश थी और साथ में पैसे मांगने वाला पत्र भी था. इस बीच वर्मा ने अपने ससुर और सास को आश्वासन दिया कि वह उनके लिए पैसों का इंतजाम कर देगा, लेकिन बाद में उसे चुकाने के लिए उन्हें अपने खेत बेचने होंगे. तुलसी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस को सूचना मिलते ही वर्मा मौके से फरार हो गया. पुलिस ने बीएनएस धारा 103 और 61(2) सहपठित 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस को इस सनसनीखेज मामले का खुलास करने में 11 टीमों का सहारा लिया और करीब 1 हफ्ते का समय लगा.