Delhi Air Pollution: दिल्ली पिछले 5 सालों से देश का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर महीने में हवा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 यानी पार्टिकुलेट मैटर का स्तर देश में सबसे ज्यादा मापा गया. गौरतलब है कि 2021 के बाद से इसमें लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है.
लखनऊ और पटना में वायु गुणवत्ता
पिछले पांच सालों में वायु गुणवत्ता का विश्लेषण करने के लिए जारी एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के चार प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. हालांकि, लखनऊ और पटना जैसे शहरों में गिरावट देखी गई है.
लेकिन दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में पिछले साल की तुलना में अक्टूबर 2023 में PM2.5 में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, चेन्नई में पिछले साल के मुकाबले 23 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है. सर्वेक्षण में 2019 और 2023 के बीच भारत के आठ प्रमुख राज्यों की राजधानियों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, लखनऊ और पटना में पार्टिकुलेट मैटर का विश्लेषण किया गया.
वायु गुणवत्ता के संबंध में सर्वे
2019 से 2020 के बीच लखनऊ में PM2.5 में 55.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, 2021 में 53.4 फीसदी की गिरावट देखी गई. लेकिन साल 2022 में फिर 6.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और 2023 में वहीं फिर से 0.9 प्रतिशत की गिरावट आई.
वहीं, 2019 से 2020 के बीच पटना में PM2.5 में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. इसके बाद 2021 में 36.7 फीसदी की गिरावट आई. लेकिन फिर 2022 में 47.7 फीसदी की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई. इसके बाद 2023 में 11.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
PM2.5 में गिरावट
बेंगलुरु और चेन्नई में PM2.5 का स्तर 2022 और 2023 के बीच अक्टूबर में कम हुआ. बेंगलुरु ने 2019 और 2020 के बीच 72.1 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की. वहीं, 2021 में 5.8 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई. साल 2022 में फिर 29.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और अब 2023 में एक बार फिर 11.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
इसके अलावा चेन्नई में 2019 से 2020 के बीच PM2.5 में 43.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. वहीं, 2021 में 27.8 फीसदी की गिरावट देखी गई. साल 2022 में इसमें एक बार फिर 61.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और 2023 में 23.7 फीसदी की कमी देखी गई.
मुंबई का हाल
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में 2019 से 2023 तक अक्टूबर PM2.5 के स्तर में लगातार वृद्धि देखी गई, जो खराब होती वायु गुणवत्ता का संकेत है. एक साल पहले पिछले महीने की तुलना में मुंबई में प्रदूषण में 42 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई. यहां पिछले दो सालों में 2019 से 2020 के बीच PM2.5 में 54.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. हालांकि, 2021 में 3 फीसदी और 2022 में 0.9 फीसदी की मामूली कमी आई थी. First Updated : Friday, 03 November 2023