Delhi News: दिल्ली में प्रदूषण का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली की प्रदूषित हवा अब लोगों के लिए खतरनाक बन रही है. हाल ही में एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें राजधानी दिल्ली की पहचान सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले राजधानी शहर के रूप में की गई. हालांकि ये पहली बार नहीं है बल्कि इससे पहले साल 2021, 2022 और 2023 में भी दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में टॉप पर अपनी जगह बनाई थी.
2022 में, भारत को औसत PM2.5 सांद्रता 53.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ आठवें सबसे प्रदूषित देश के रूप में स्थान दिया गया था. वहीं अब एक बार फिर राजधानी दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनकर उभरी है.
राष्ट्रीय राजधानी को 2018 से लगातार चार बार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी का दर्जा दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमान है कि भारत में 1.36 अरब लोग पीएम 2.5 सांद्रता का अनुभव करते हैं जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुशंसित वार्षिक दिशा निर्देश स्तर 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है. साथ ही, 1.33 अरब लोग, यानी भारतीय आबादी का 96 प्रतिशत, पीएम 2.5 के स्तर को डब्ल्यूएचओ के वार्षिक पीएम 2.5 दिशानिर्देश से सात गुना अधिक अनुभव करते हैं. यह प्रवृत्ति शहर-स्तरीय डेटा में परिलक्षित होती है, देश के 66 प्रतिशत से अधिक शहरों में वार्षिक औसत 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है.
IQAir ने कहा कि इस रिपोर्ट को 30,000 से अधिक नियामक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों और अनुसंधान संस्थानों से एकत्र कर तैयार किया गया है जिसमें सरकारी निकायों, विश्वविद्यालयों और शैक्षिक सुविधाओं, गैर-लाभकारी गैर-सरकारी द्वारा संचालित कम लागत वाले वायु गुणवत्ता सेंसर के वैश्विक वितरण शामिल है.
2022 में विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में 131 देशों, क्षेत्रों और क्षेत्रों के 7,323 स्थानों का डेटा शामिल था. वहीं 2023 में बढ़ौतरी हुई और ये संख्या बढ़कर 134 देशों, क्षेत्रों और क्षेत्रों में 7,812 स्थानों तक पहुंच गई. विशेषज्ञों की माने तो दुनिया भर में हर नौ मौतों में से एक की मौत वायु प्रदूषण के कारण ही होता है. मानव स्वास्थ्य के लिएवायु प्रदूषण सबसे बड़ा खतरा है. First Updated : Tuesday, 19 March 2024