दिल्ली की सांसें भारी: ठंडों से पहले बढ़ा NCR में खतरा, 9 महीने का रिकॉर्ड टूटा

Delhi NCR AQI: दिल्ली की हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है और एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई है. आनंद विहार जैसे कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 600 से भी अधिक दर्ज किया गया है, जो इस मौसम का अब तक का सबसे खराब स्तर है. लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.

Delhi NCR AQI: दिल्ली की वायु गुणवत्ता में हाल ही में भयानक गिरावट देखी गई है, जहां कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 600 से ऊपर पहुंच गया है. आनंद विहार, पंजाबी बाग और बवाना जैसे क्षेत्र खतरनाक स्तर पर हैं. सोमवार सुबह 6 बजे दिल्ली का AQI 434 रिकॉर्ड किया गया, जो अत्यधिक हानिकारक श्रेणी में आता है. WHO के अनुसार, दिल्ली का PM2.5 प्रदूषण स्तर खतरनाक सीमा से 59 गुना अधिक हो गया है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है.

विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की दिशा बदलने से प्रदूषण के स्तर में तेजी आई है. रविवार को दक्षिण-पूर्वी हवाओं के कारण रात में तापमान गिरकर 16.5 डिग्री सेल्सियस हो गया, जिससे दिन के समय प्रदूषक तत्व वातावरण में जमा हो गए. पिछले 24 घंटों में AQI का स्तर 316 से बढ़कर 382 हो गया, जो नौ महीने में सबसे खराब रिकॉर्ड है.

स्थिर हवाओं का असर, प्रदूषण नियंत्रण पर चुनौती

दिल्ली के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिर हवाओं की वजह से प्रदूषण का स्तर अधिक हो गया है. स्थानीकृत हवाओं के चलते प्रदूषक तत्वों का फैलाव नहीं हो पा रहा है, और सोमवार और मंगलवार तक दिल्ली में स्थानीय हवाएं धीमी रहने की संभावना है. ऐसे में AQI में और बढ़ोतरी की आशंका है. CPCB के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 40 में से 14 स्टेशनों पर AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है, जिसमें आनंद विहार 436 AQI के साथ सबसे प्रदूषित क्षेत्र है.

क्या होता है AQI?

200-300 के बीच: खराब
301-400 के बीच: बहुत खराब
401-450 के बीच: गंभीर
450 से अधिक: गंभीर-प्लस (स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक)

प्रदूषण की वजहें

शहरीकरण और औद्योगीकरण: दिल्ली में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और औद्योगीकरण के कारण वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है
वाहनों से निकलने वाला धुआं: दिल्ली में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे वायु प्रदूषण में इजाफा हो रहा है
किसानों द्वारा पराली जलाना: पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाने से भी दिल्ली की हवा प्रदूषित होती है
प्रतिकूल मौसमी हालात: शांत हवाएं और कम तापमान प्रदूषकों के फैलाव को रोकते हैं जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है

क्या समाधान हो सकते हैं?

सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना: लोगों को निजी वाहनों के इस्तेमाल से कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना चाहिए.
औद्योगिक इकाइयों पर कड़ी नज़र: औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए.
पराली जलाने पर रोक: किसानों को पराली जलाने के विकल्प उपलब्ध कराए जाने चाहिए और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए.
पेड़ लगाने पर जोर: शहर में अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए.
नागरिकों की जागरूकता: लोगों को प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

दिल्ली सरकार ने क्या किया?

दिल्ली सरकार का दावा है कि वो प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है. सरकार ने धूल प्रदूषण को कम करने के लिए 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की हैं और शहर में पानी का छिड़काव किया जा रहा है. दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है. सरकार, उद्योग और आम जनता को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा.

calender
04 November 2024, 08:09 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो