'दिल्ली में सर्दी और प्रदूषण का सितम: GRAP-4 से आएगी राहत, स्कूल होंगे हाइब्रिड मोड में!'
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है, जिसके चलते GRAP-4 लागू कर दिया गया है. अब 9वीं से 11वीं क्लास के स्कूल हाइब्रिड मोड में चलेंगे और डीजल वाहनों की संख्या पर कड़ी पाबंदी लगेगी. क्या और किस तरह के कदम उठाए गए हैं? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
GRAP 4 Implementation: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण हालात बहुत गंभीर हो गए हैं. वायु गुणवत्ता में खतरनाक गिरावट के बाद, दिल्ली सरकार ने GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को लागू कर दिया है. यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, जिससे दिल्लीवासियों को राहत मिल सके और उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे.
प्रदूषण में बढ़ोतरी और GRAP-4 का लागू होना
दिल्ली में सोमवार (16 दिसंबर) को वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब हो गया था. शाम 4 बजे दिल्ली का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 379 था, जो रात 10 बजे तक बढ़कर 400 तक पहुँच गया, जो बेहद खतरनाक माना जाता है. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा गठित प्रदूषण निगरानी समिति ने तुरंत एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, जिसके बाद GRAP-4 लागू करने का फैसला लिया गया.
क्या हैं GRAP-4 के तहत नियम?
GRAP-4 के तहत दिल्ली में कई कड़े कदम उठाए गए हैं. सबसे पहले, निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही, डीजल वाहनों की संख्या पर भी सख्त नियंत्रण लगाया गया है. स्कूलों में भी हाइब्रिड मोड लागू किया गया है, जिसका मतलब है कि 9वीं से 11वीं क्लास तक के छात्र अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में पढ़ाई करेंगे. पहले से ही GRAP-3 के तहत 5वीं क्लास तक के स्कूलों में हाइब्रिड मोड था.
हवा की खराब गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर प्रभाव
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति दिन-ब-दिन और भी बिगड़ती जा रही है. सोमवार को वायु गुणवत्ता की स्थिति को गंभीर माना गया. खासकर, ठंड के मौसम में हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं. यह स्थिति दिल के मरीजों और श्वसन समस्याओं वाले लोगों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने इस कड़े कदम को उठाया है ताकि लोगों की सेहत पर बुरा असर न पड़े.
स्कूलों में बदलाव और GRAP-4 का असर
अब GRAP-4 के तहत, दिल्ली में 9वीं से 11वीं क्लास तक के बच्चों को हाइब्रिड मोड में पढ़ाई करनी पड़ेगी. इसका मतलब है कि ये स्कूल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से संचालित होंगे. पहले GRAP-3 के तहत 5वीं तक के बच्चों के लिए ये नियम लागू किए गए थे, लेकिन अब यह सीमा बढ़ा दी गई है. स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में यह बदलाव छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए असुविधा का कारण बन सकता है, लेकिन यह कदम प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया है.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए अन्य कदम
दिल्ली सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रदूषण की स्थिति में सुधार के लिए अन्य कदम भी उठाए जाएं. इसके तहत ट्रैफिक में नियंत्रण, ग्रीन बेल्ट्स की देखभाल और धुएं के उत्सर्जन को कम करने के उपायों पर ध्यान दिया जा रहा है. इसके अलावा, दिल्ली के वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा हर स्तर पर सक्रियता से काम किया जा रहा है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर, GRAP-4 लागू किया गया है ताकि प्रदूषण की स्थिति पर काबू पाया जा सके और लोगों को इससे बचाया जा सके. हालांकि, यह कदम दिल्लीवासियों के लिए असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन यह उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. अब, इस वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए और अधिक सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं, जो अंततः दिल्ली के वातावरण को साफ और सुरक्षित बनाएंगे.