Delhi Ordinance Bill: दिल्ली से संबंधित लाए गए अध्यादेश बिल पर संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दिए बयान का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि, भाजपा वाले केजरीवाल फोबिया के शिकार हो गए हैं. केजरीवाल से डर के कारण ही यह बिल लेकर आए हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा की सियासी जमीन दिल्ली में नहीं बची है. इसलिए भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार से सारी शक्तियां छीनने की लगातार साज़िश रच रही है. दरअसल भाजपा दिल्ली सरकार का महत्व खत्म करना चाहती है, ताकि न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी. मतलब न रहेगी दिल्ली सरकार के पास कोई शक्ति और न रहेगा और न ही दिल्ली में सियासत का कोई महत्व रहेगा.
राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री के सदन के भीतर दिए बयान से दिल्ली सेवा बिल लाने की उनकी असली मंशा स्पष्ट हो गई है. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 2015 तक दिल्ली में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन 2015 के बाद हमें दिल्ली सरकार से सारी शक्तियां लेने की आवश्यकता पड़ गई. इसलिए हम यह दिल्ली सेवा बिल ला रहे हैं. मतलब उन्होंने यह माना कि उन्हें अरविंद केजरीवाल से डर लगता है.
सांसद राघव चड्ढा ने पुरानी कमेटी की रिपोर्टों, पंडित जवाहर लाल नेहरु, डॉक्टर बीआर अंबेडकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्टेटमेंट पर कहा कि उन्होंने 40 और 30 के दशक में यह राय रखी थी कि दिल्ली में सरकार नहीं होनी चाहिए. अमित शाह को पंडित नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉक्टर अंबेडकर के बयान देखने के बजाय 1980-1990 और 2000 के दशक के बीच दिए अपनी पार्टी के नेताओं के बयान देखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिल्ली स्टेटहुड बिल, 2003 लाए थे और कहा था कि दिल्ली को सारी शक्तियां मिलना चाहिए. दिल्ली में अपनी सरकार हो और इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, यह बात साहब सिंह वर्मा और मदन लाल खुराना भी कहा करते थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अगर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बयान पढ़ लें तो उन्हें पंडित नेहरू के बयानों तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
सांसद राघव चड्ढा ने बताया कि अडवाणी जी ने भी कहा था कि भारतीय जनता पार्टी का सपना है कि दिल्ली की अपनी सरकार हो और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले. इसके लिए भाजपा ने 1977 से लेकर 2015 तक संघर्ष भी किया। लेकिन 2015 में भाजपा ने यह संघर्ष 40 साल के बाद खत्म कर दिया क्योंकि दिल्ली में भाजपा के बजाय अरविंद केजरीवाल की सरकार आ गई. First Updated : Thursday, 03 August 2023