दिल्लीः ईडी ऑफिस से निकले तेजस्वी यादव, नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ईडी ने किया था तलब
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज ईडी के समक्ष पेश हुए है। नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने उन्हें तलब किया था।
हाइलाइट
- ईडी के समक्ष पेश हुए तेजस्वी यादव
- नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ईडी ने किया था तलब
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मंगलवार को Land For Job Scam Case में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ऑफिस पहुंचे थे। नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने आज तेजस्वी यादव को तलब किया था। तेजस्वी आज सुबह 11 बजे ईडी मुख्यालय पहुंचे थे। इससे पहले सीबीआई ने 25 मार्च को तेजस्वी यादव से पूछताछ की थी। 25 मार्च को ही तेजस्वी की बहन और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती से ईडी ने पूछताछ की थी।
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने पिता और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और परिवार के अन्य सदस्यों से जुड़े कथित जमीन के बदले नौकरी मामले में मंगलवार को ईडी के समक्ष पेश हुए है। मार्च में ईडी ने लालू यादव के परिवार के सदस्यों के दिल्ली, मुंबई, पटना समेत 24 स्थानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद ईडी ने कहा था कि 1 करोड़ रुपये कैश, 1900 अमेरिकी डॉलर, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए है।
नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से भी पूछताछ कर चुकी है। लालू यादव के परिवार के सदस्यों के स्थानों पर छापेमारी के बाद ईडी ने कहा था इस अपराध में इस्तेमाल 600 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगाया है। साथ ही लालू प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों द्वारा रियल एस्टेट समेत कई क्षेत्रों में किए गए निवेश का पता लगाने की जांच की जा रही है।
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला?
नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि यह कथित घोटाला 2004-2009 के दौरान हुआ था, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप डी पदों पर विभिन्न लोगों की भर्ती की गई थी और इसके बदले में लोगों ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों या उनसे जुड़े लोगों को जमीन दी थी।