900 बाजारों की 8 लाख दुकानें बंद, पहलगाम हमले के विरोध में दिल्ली के व्यापारियों ने उठाया बड़ा कदम
सीआईटी (चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि यह सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है. यह आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक कदम है. इस लड़ाई में हम सभी एकजुट हैं और पहलगाम में अपनी जान गंवाने वालों की याद में बंद का आयोजन कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इससे 1500 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है.

दिल्ली के बाजार शुक्रवार को सुनसान रहे. व्यापारियों ने पहलगाम आतंकवादी हमले के विरोध में 'बंद' की अपील की थी. बैसरन घास के मैदान में हुए खूनी नरसंहार में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी. सदर बाजार, भागीरथ प्लेस, गांधीनगर, नया बाजार, खारी बावली, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, जामा मस्जिद और हौज काजी सहित 100 से अधिक बाजार संघों ने मंगलवार के हमले में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग को लेकर बंद में भाग लिया. इसके साथ ही कपड़ा, मसाले, बर्तन और सर्राफा व्यापारियों ने भी बंद में हिस्सा लिया. रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दिल्ली में करीब 900 से अधिक बाजारों में 8 लाख दुकानें बंद रहीं.
सीआईटी (चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि यह सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है. यह आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक कदम है. इस लड़ाई में हम सभी एकजुट हैं और पहलगाम में अपनी जान गंवाने वालों की याद में बंद का आयोजन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान के साथ सभी वाणिज्यिक संबंध खत्म कर देने चाहिए और भारत में पाकिस्तानी उत्पादों का बहिष्कार करने की भी अपील की.
अन्य राज्यों में भी रहा बंद
रिपोर्ट के अनुसार, इससे 1500 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है. राजस्थान में भी इसी तरह का बंद देखा गया. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार को बाजार बंद रहे. बुधवार को 35 वर्षों में पहली बार कश्मीर भी पूरी तरह बंद रहा, स्थानीय निवासी और व्यापारी सड़कों पर उतरे, पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया.
पुलवामा के बाद सबसे बड़ी आतंकी घटना
भारत के मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले बैसरन में मंगलवार को आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आतंकवाद के खिलाफ कड़े एक्शन की चेतावनी दे चुके हैं. इस बीच पहलगाम आतंकी हमले में लश्कर ए तैयबा आतंकी ग्रुप का हाथ होने की रिपोर्ट सामने आ रही है. आपको बता दें कि हिमालय और घाटी के विशिष्ट देवदार के जंगलों के अद्भुत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बैसरन मैदान में हुआ. हमला 2019 में पुलवामा की घटना के बाद से इस क्षेत्र में हुए सबसे घातक हमलों में से एक था.


