आप और कांग्रेस नहीं मिला पाए हाथ, भाजपा की निर्णायक जीत, हैदराबाद फैक्टर ने भी दर्ज कराई मौजूदगी 

मुस्तफाबाद के मामले में भाजपा के भीतर एक और साजिश चल रही थी। बिष्ट 1998 से 2015 तक करावल नगर से विधायक थे। 2015 के चुनाव में कपिल मिश्रा ने उन्हें हराया था, जो तब आप में थे और अब भाजपा में हैं। जब मिश्रा भाजपा में चले गए, तो बिष्ट ने 2020 में फिर से सीट जीत ली। इस बार मिश्रा को करावल नगर से भाजपा का उम्मीदवार चुना गया। 

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप और कांग्रेस के हाथ मिलाने में विफलता ने भाजपा को निर्णायक जीत दिलाने में मदद की, तो हैदराबाद फैक्टर ने भी राजधानी के मुकाबले में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। असदुद्दीन ओवैसी की अगुआई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन उसके दोनों उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे। एक सीट पर वोटों के विभाजन ने अल्पसंख्यकों की अच्छी खासी आबादी वाले निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की जीत का रास्ता साफ कर दिया।

एआईएमआईएम ने दिल्ली चुनाव में उतारे थे 2 उम्मीदवार

ओखला से शिफा उर रहमान खान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन। इसके दोनों उम्मीदवारों को 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में आरोपी बनाया गया है और वे फिलहाल जेल में हैं। एआईएमआईएम के दोनों उम्मीदवार कांग्रेस को चौथे स्थान पर धकेलने में कामयाब रहे और तीसरे स्थान पर रहे। ओखला में आप नेता और मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान 23,639 वोटों से जीते। भाजपा के मनीष चौधरी दूसरे स्थान पर रहे और तिहाड़ जेल में बंद शिफा उर रहमान खान को 39,558 वोट मिले। कांग्रेस की अरीबा खान को 12,739 वोट मिले। अल्पसंख्यक वोटों में विभाजन के बावजूद तीन बार विधायक रहे खान अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। लेकिन उनकी जीत का अंतर 50,000 से ज़्यादा वोटों से कम हो गया।

मुस्तफाबाद सीट पर मुकाबला रहा रोमांचक

मुस्तफाबाद सीट पर मुकाबला और भी रोमांचक रहा। करीब 40 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने 17,578 वोटों से जीत दर्ज की। आप के अदील अहमद खान को 67,637 वोट मिले, एआईएमआईएम के ताहिर हुसैन को 33,474 वोट मिले और कांग्रेस के अली मेहदी को 11,763 वोट मिले। विपक्षी वोटों के बंटवारे ने भाजपा को आसान जीत दिलाने में मदद की। चुनाव से पहले AIMIM के दोनों उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। उन्होंने पार्टी प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत पार्टी नेताओं के साथ कई रोड शो किए। 

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09 February 2025, 12:52 PM IST

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