दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी अगले गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में सदन की नेता के रूप में अपना पहला सत्र संबोधित कर सकती हैं. पार्टी पदाधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली सरकार 26 और 27 सितंबर को दो दिवसीय विशेष सत्र बुला रही है. इस विशेष सत्र को बुलाने का फैसला अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और आतिशी की सीएम बनाने का दावा पेश करने के साथ मेल खाता है. वहीं पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि बैठक का एजेंडा फिलहाल तय नहीं हुआ है.
सदस्य ने कहा, आतिशी सदन में दिल्ली के सामने आने वाले मुद्दों और आगे की राह पर बात करेंगी. यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि शपथ ग्रहण समारोह तब तक पूरा हो जाएगा या नहीं, क्योंकि यह राष्ट्रपति और एलजी वीके सक्सेना द्वारा दी गई तारीखों पर निर्भर करेगा.
संविधान विशेषज्ञ और लोकसभा तथा दिल्ली विधानसभा के पूर्व सचिव एस.के. शर्मा ने कहा, 'मंत्री और मुख्यमंत्री नियुक्त करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है. विधायी समूह के प्रमुख ने सत्ता के लिए दांव लगाया है चूंकि आप के पास पूर्ण बहुमत है, इसलिए कोई बाधा नहीं होनी चाहिए. शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय की जानी है जो राष्ट्रपति और उपराज्यपाल के विवेक पर निर्भर है.'
बता दें कि एक कैलेंडर वर्ष में तीन प्रमुख सत्र, बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र आयोजित किए जाते है लेकिन सरकार द्वारा सदन के समक्ष लाए हुए कार्यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विधानसभा के तीन से अधिक सत्र आयोजित करने के भी उदाहरण है. यह भी अनिवार्य है कि दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतर न हो. First Updated : Wednesday, 18 September 2024