पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन की आखिरकार गुरुवार तड़के रिहाई हो गई। हालांकि इतनी सुबह-सुबह उनकी रिहाई की वजह फिलहाल सामने नहीं आई है। बुधवार तक ये जानकारी थी कि सहरसा जेल से आनंद मोहन की रिहाई गुरुवार दोपहर तक होनी है। कागजी प्रक्रिया पहले ही पूरी कल ली गई थी। गुरुवार की सुबह जब समर्थक जेल के बाहर पहुंचने लगे तब पता चला कि आनंद मोहन को सुबह में ही रिहा कर दिया गया है।
आनंद मोहन अपने बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद की सगाई पर 15 दिनों की पैरोल पर बाहर आए थे। बुधवार को ही उन्होंने वापस सरेंडर किया था। अब अचानक गुरुवार की सुबह उन्हें जेल से छोड़ दिया गया। इसको लेकर ये माना जा रहा है कि समर्थकों का जमावड़ा लगता, उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाता। मीडियाकर्मी भी जुटते उनसे कई तरह के सवाल पूछ जाते। इन सबसे से बचने के लिए ऐसा किया गया है। जेल से निकलने के बाद वह कहां गए इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। आनंद मोहन की जेल से अचानक सुबह में हुई रिहाई का उनके समर्थकों को इल्म भी नहीं था। जब उन्हें ये खबर मिली कि उनकी रिहाई अहले सुबह हो गई तो वे मायूस हो गये। सहरसा जेल के बाहर कुछ समर्थक सुबह ही पहुंच गए थे।
आनंद मोहन की रिहाई पर जेडीयू नेता अभिषेक झा ने कहा कि यह सब कानूनी प्रक्रिया है। हम लोग कोर्ट के फैसले का और कानून का सम्मान करते हैं। इसको कुछ लोग बेवजह राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं ताकि उनका लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन का आचरण जेल के अंदर अच्छा रहा है।
बता दें कि जेल मैनुअल में संशोधन करने के बाद बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया था। विधि विभाग ने बजाप्ता इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया था। आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामले में सजा पूरी कर चुके हैं। वे करीब 15 साल रहे जेल में रहे। अभी हाल में वे अपने बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद की सगाई के लिए पैरोल पर जेल से आए थे।