दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका! AAP में शामिल हुए 5 बार विधायक रहे मतीन अहमद
Delhi Politics: दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. 5 बार सीलमपुर से विधायक रहे मतीन अहमद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. मतीन अहमद के बेटे और बहू पहले ही कांग्रेस का दामन छोड़ AAP में शामिल हो चुके हैं. अब देखना होगा कि कांग्रेस सीलमपुर क्षेत्र से किस उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारेगी.
Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. दिल्ली के सीलमपुर क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे वरिष्ठ नेता मतीन अहमद ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है. यह फैसला कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति पर भारी असर डाल सकता है, खासकर मुस्लिम मतदाताओं पर उनकी गहरी पकड़ को देखते हुए.
मतीन अहमद का AAP में शामिल होना, कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है. अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन ने मतीन अहमद को आम आदमी पार्टी में शामिल किया. आगामी विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण हो सकता है.
मतीन अहमद का सियासी सफर
मतीन अहमद 1993 से 2015 तक दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे हैं. उनकी दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी जिम्मेदारी निभाने का अनुभव है. उनकी पकड़ दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों पर मानी जाती है, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है.
पहले ही हो चुका था परिवार
मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबैर और बहू शगुफ्ता चौधरी 29 अक्टूबर को ही आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके थे. शगुफ्ता चौधरी दिल्ली की पार्षद हैं और सीलमपुर क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता भी काफी है. मतीन अहमद के इस कदम के बाद उनकी फैमिली का पूरा राजनीतिक झुकाव अब AAP की ओर हो गया है.
मतीन अहमद के घर पहुंचे केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल खुद मतीन अहमद के घर जाकर उन्हें पार्टी में शामिल करने पहुंचे, जिससे यह साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मतीन अहमद या उनके परिवार का टिकट लगभग तय माना जा रहा है. इस कदम से AAP ने सीलमपुर में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है, जहां पिछले दो विधानसभा चुनावों में पार्टी ने जीत दर्ज की थी.
मुस्लिम मतदाताओं पर असर
मतीन अहमद की आम आदमी पार्टी में शामिल होने की खबर से कांग्रेस के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. सीलमपुर और आसपास के लगभग दस विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है और मतीन अहमद का इस क्षेत्र पर विशेष प्रभाव माना जाता है. हालांकि, कुछ मुस्लिम नेता इस फैसले से नाराज भी हैं, लेकिन AAP ने मुस्लिम मतदाताओं के बड़े हिस्से को साधने का यह बड़ा दांव चला है.