JNUSU Poll: जेएनयू में एक बार फिर दो गुटों में झड़प, छात्रों की बेरहमी से पिटाई
JNUSU Poll: दिल्ली के जेएनयू में देर रात एक बार फिर बवाल हो गया. डीएसएफ छात्र संगठन के मुताबिक जैसे ही जीबीएम की बैठक खत्म हुई, वैसे ही स्टूडेंट्स और एक्टिविस्ट पर हमला किया गया.
JNUSU Poll: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) कैंपस में देर रात दो छात्र संगठनों के गुटों के बीच झगड़ा हुआ. ये झड़प चुनाव से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और वामपंथी संगठन के सदस्यों के बीच हुई. वीडियो में एबीवीपी के कन्हैया कुमार को कार्यकर्ताओं के साथ छात्रों को बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है.
DSF छात्र संगठन ने ABVP पर लगाया इल्जाम
दिल्ली के जेएनयू में देर रात एक बार फिर बवाल हो गया. डीएसएफ छात्र संगठन के मुताबिक, जैसे ही जीबीएम की बैठक खत्म हुई और ईसी सदस्य चुना गया, कन्हैया कुमार एबीवीपी और उनके सहयोगियों ने अन्य छात्रों और कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया, पुलिस और क्यूआरटी को भी सूचना दी गई और वह भी मौके पर पहुंच गए. देर रात हुई हिंसा के बाद यह साफ हो गया कि एबीवीपी कैंपस में चुनाव नहीं कराना चाहती है. यह केवल कैंपस में लोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ और अशांति फैलाना चाहती है.'
जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव को बनाया बंधक
जानकारी के मुताबिक, जैसे ही जीबीएम खत्म हुई और ईसी सदस्यों का चुनाव हुआ, एबीवीपी ने जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव मोहम्मद दानिश को बंधक बना लिया. वे अब भी उसे बंधक बनाए हुए हैं और शारीरिक रूप से उनको चोट पहुंचाई जा रही है.
राजधानी दिल्ली के #जवाहर_लाल_नेहरू_यूनिवर्सिटी में देर रात खूब हंगामा कटा। लेफ्ट संगठनों का आरोप है कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की है। उन्हें लाठी-रॉड से पीटा गया है। वहीं एबीवीपी ने भी लेफ्ट के कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। इस घटना के कई वीडियो भी… pic.twitter.com/UY5JIYs68r
— India Daily Live (@IndiaDLive) March 1, 2024
मारपीट का वीडियो आया सामने
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एबीवीपी के कन्हैया कुमार अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर छात्रों की पिटाई कर रहे हैं. वाम दल ने कहा कि 'हमेशा की तरह, उन्होंने बिना किसी उकसावे के छात्रों और कार्यकर्ताओं पर हमला किया. पुलिस और क्यूआरटी को सूचित कर दिया गया है और वे अभी पहुंचे हैं. यह पहले दिन से स्पष्ट है कि एबीवीपी नहीं चाहती कि चुनाव हों और वह सभी लोकतांत्रिक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं पर हंगामा और हिंसा पैदा कर रही है.