Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी की हवा बेहद खराब श्रेणी की ओर पहुंच गई है. सांसों में जहर घुलने लगा है. शुक्रवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 292 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का अनुमान है कि रविवार से वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी यानी एक्यूआई 301 से ज्यादा हो सकती है. वहीं 21 अक्टूबर के बाद अगले छह दिनों तक स्थिति गंभीर बनी रहने की आशंका है और वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' और 'खराब' श्रेणी के बीच रहेगी.
दिल्ली के प्रदूषण में स्थानीय स्रोतों का बड़ा योगदान है. शहर में प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में परिवहन, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल, और आसपास के इलाकों से होने वाला प्रदूषण शामिल है. दिल्ली में शुक्रवार को PM10, जो धूल प्रदूषण का संकेत देता है, प्रमुख प्रदूषक रहा. इस समय वजीरपुर क्षेत्र में AQI 390 तक पहुंच गया, जो सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र बना.
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं से दिल्ली में प्रदूषण का असर कम दिखा, क्योंकि पूर्वी हवाओं के चलते इसका घुसपैठ सीमित रही. फिलहाल पराली जलाने से दिल्ली के PM2.5 स्तर में केवल 0.6% का योगदान है. हालांकि, आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जिससे वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है.
दिल्ली के निवासियों को इस प्रदूषण के चलते गले में खराश और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सर्दियों के आगमन के साथ हर साल यह समस्या बढ़ती जाती है, और इस बार भी स्थिति गंभीर होती जा रही है. अगर मौसमी परिस्थितियाँ ऐसे ही बनी रहीं, तो दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की संभावना है. विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण जानलेवा बन सकता है इसलिए बचाव के लिए लोगों को मास्क पहनने और घर के अंदर रहने की अपील की है. First Updated : Saturday, 19 October 2024