Delhi air Pollution: दिल्ली और एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण लोगों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली की हवा दमघोंटू होने की आशंका है. सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 304 पर दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. सुबह 9 बजे तक AQI 327 तक पहुंच गया था. विशेषज्ञों का कहना है कि इस सप्ताह के अंत तक हवा की गुणवत्ता और खराब होकर गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है.
बढ़ते प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. ऐसे में लोगों को सलाह दी गई है कि घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनें, बुजुर्ग और बच्चों को बाहर की गतिविधियों से बचाएं, और अधिक समय तक बाहर ना रहें.
नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के प्रमुख शहरों में भी हवा की स्थिति खराब है. नोएडा में AQI 248, ग्रेटर नोएडा में 233, गाजियाबाद में 228, फरीदाबाद में 204 और गुरुग्राम में 187 रहा. 200 से कम AQI को मध्यम प्रदूषण की श्रेणी में माना जाता है, जबकि इससे अधिक सूचकांक हवा के गंभीर रूप से प्रदूषित होने का संकेत देता है.
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के दौरान पटाखों का धुआं और पड़ोसी राज्यों में जलाई जाने वाली पराली दिल्ली के प्रदूषण को और बढ़ा सकते हैं. इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में पहुंच सकता है. इसी वजह से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण की पाबंदियां लागू करने की संभावना जताई जा रही है.
मौसम विभाग के अनुसार, हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व की ओर होने के कारण प्रदूषक तत्व ज्यादा फैल नहीं पा रहे हैं. हवा की गति 4 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो प्रदूषण को कम करने में सहायक नहीं है. अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण के स्तर में और बढ़ोतरी की आशंका है, और यह गुरुवार तक गंभीर श्रेणी में पहुंच सकता है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए GRAP-2 के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. इसके तहत सड़कों की सफाई के लिए मशीनों का उपयोग, धुआं रोधी उपायों को बढ़ावा और पटाखों पर प्रतिबंध जैसे कदम उठाए जाएंगे. First Updated : Tuesday, 29 October 2024