Delhi Air Quality: दिवाली से पहले आने वाले दिनों में दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है. पराली जलाना, आतिशबाजी का उत्सर्जन और कम हवा की गति के कारण दिवाली की पूर्व संध्या पर 30 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, शांत हवाओं की वजह से प्रदूषण के कण सतह पर ही अटके हुए हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है.
रविवार को शहर की वायु गुणवत्ता दो दिन के अंतराल के बाद फिर से 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई , क्योंकि हवा की गति धीमी हो गई थी. 29 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की उम्मीद है, और पटाखों और पराली जलाने से स्थिति और खराब होने की संभावना है, जिससे 30 अक्टूबर तक प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय प्रदूषण और पराली जलाने का असर दिल्ली की हवा पर पड़ रहा है. शनिवार को पराली जलाने का असर दिल्ली के PM2.5 स्तर में 5.5% था, जो शुक्रवार को 14.6% था। इसके अलावा, हवाओं की दिशा में बदलाव के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है.
सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली का AQI अक्सर दिवाली के बाद "गंभीर" स्तर पर पहुंच जाता है, जब पटाखों का धुआं वातावरण में मिल जाता है. इस साल भी 30 अक्टूबर को दिवाली से पहले वायु गुणवत्ता और बिगड़ने की आशंका है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ सकते हैं.
दक्षिण-पूर्व से आने वाली प्रमुख सतही हवाओं की गति 27 अक्टूबर को 8 किमी प्रति घंटे रहने की उम्मीद है, जो 30 अक्टूबर तक धीरे-धीरे 6 से 12 किमी प्रति घंटे के बीच हो जाएगी. ये हवाएं, धुंध भरी सुबह और अन्यथा साफ आसमान के साथ मिलकर प्रदूषण के स्तर को कम करने में न्यूनतम सहायता प्रदान करती हैं. हवाओं की धीमी गति और दिशा, और सुबह की धुंध, रात भर जमा हुए प्रदूषकों के प्रभावी फैलाव में बाधा डालती है.
अधिकारियों ने निवासियों को खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में लंबे समय तक रहने से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से बचाव के लिए एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है. अधिकारियों ने लोगों से बाहरी गतिविधियों को सीमित करना और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी है. First Updated : Monday, 28 October 2024