सियासत, प्रदर्शन और एक्शन: कोचिंग सेंटर केस में 7 गिरफ्तार; अब तक क्या-क्या हुआ
Delhi Coaching Centre Hadsa: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद से मामले में सियासत, प्रदर्शन और एक्शन सब साथ हो रहा है. मामले में अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. मामले में 1 इंजीनियर को टर्मिनेट किया गया है. वही एक को सस्पेंड कर दिया गया है. आइये जानें इस मामले में अब क्या-क्या कार्रवाई हुई है. वहीं इस पर सियासत कैसे हो रही है.
Delhi Coaching Centre Hadsa: दिल्ली ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में शनिवार शाम पानी भर जाने से 3 छात्रों की मौत हो गई. अब इस मामले में पुलिस, प्रशासन और सरकार एक्शन में है. वहीं मामले में जमकर सियासत हो रही है. भारतीय जनता पार्टी एमसीडी से लेकर दिल्ली की सरकार को निशाने पर लेकर प्रदर्शन कर रही है. वहीं आप सरकार प्रशासन के साथ LG पर आरोप मढ़ रही है. घटना के बाद से मामले में अब तक 7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. आइये जानें इस मामले में अब कर क्या-क्या हुआ?
अब तक की कार्रवाई
कोचिंग मालिक और कोऑर्डिनेटर को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा अन्य 5 लोग गिरफ्तार हुए हैं.
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मुख्य को मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने के आदेश दिए है और जल्द रिपोर्ट तलब की है.
LG वीके सक्सेना ने डिवीजनल कमिश्नर को जांच के आदेश देकर मंगलवार तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
MCD ने बेसमेंट में अवैध रूप से संचालित 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है.
MCD के कमिश्नर ने एक जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है.
दिल्ली के 13 कोचिंग सेंटर सील कर दिए गए हैं, जहां बेसमेंट में क्लासेस चल रही थीं.
ये एक्शन भी हुआ
पुलिस ने मामले में सोमवार को 5 लोगों समेत अब कर कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. AAP मुख्यालय के पास भाजपा का जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने वॉटर कैनन का उपयोग कर रही है. इसके साथ ही MCD राजेंद्र नगर में अतिक्रमण हटाने के काम में लग गई है. इलाके में बड़े अधिकारी और नेता तंबू ताने हुए हैं.
मामले में सियासत जारी
एक तरफ मामले में जांच और एक्शन हो रहा है. दूसरी ओर इसे लेकर कार्रवाई भी हो रही है. इस बीच मामले में नेता अपनी सियासत ओर जिम्मेदारी से भागने में लगे हुए हैं. भाजपा आम आदमी पार्टी ओर MCD के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री इसे उप राज्यपाल की गलती बता रहे हैं. उनका कहना है कि अफसर कई शिकायतों के बाद नहीं सुन रहे हैं. वो उप राज्यपाल के अंडर में काम करते हैं.