दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ईडी मामले में जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई। मंगलवार को सीबीआई की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत याचिका का विरोध किया।
मंगलावार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने रद्द की जा चुकी आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित ईडी के एक मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा है। इस मामले में कोर्ट 26 अप्रैल को शाम 4 बजे अपना फैसला सुनाएगा।
सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया। वकील ने एक पुराने फैलसे की दलीलें रखते हुए कहा कि कोर्ट को इस स्टेज पर जमानत नहीं देनी चाहिए। वहीं मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि ईडी का काम यह बताना नहीं है जीओएम और कैबिनट में क्या हुआ? ईडी को बताना चहिए कि अगर कोई अपराध हुआ है तो इससे किसको फायदा पहुंचा है। वकील ने कहा कि सिर्फ अनुमानों के आधार पर सिसोदिया को हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। उनके खिलाफ मनी लॉड्रिंग को कोई मामला नहीं बनता है।
इससे पहले सोमवार को सीबीआई की स्पेशल राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत (सीबीआई मामले में 27 अप्रैल) और (ईडी मामले में 29 अप्रैल) तक बढ़ा दी थी। मनीष सिसोदिया के अलावा आरोपी अरुण रामचन्द्र पिल्लई और अमनदीप ढल की न्यायिक हिरासत को भी बढ़ाया था। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामले में अरुण पिल्लई और अमनदीप ढल की न्यायिक हिरासत को 29 अप्रैल तक बढ़ाया गया था।
दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद आप नेता मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई अधिकारियों ने कहा था कि वह सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं है। इसके बाद मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं इस मामले में सीबीआई ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से करीब साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की थी। First Updated : Tuesday, 18 April 2023