अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की शक्ति दिल्ली सरकार के पास होगी: राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जो आज माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला आया है। वह अपने आप में एक लैमार्क जजमेंट है और इस जजमेंट के अनुसार दिल्ली में चुनी हुई सरकार, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के पास ही सत्ता है।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच ट्रांसफर और पोस्टिंग विवाद पर अपना अहम फैसला सुना दिया है। इस पर आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जो आज माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला आया है। वह अपने आप में एक लैंडमार्क जजमेंट है और इस जजमेंट के अनुसार दिल्ली में चुनी हुई सरकार, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के पास ही सत्ता है। तमाम प्रशासनिक मशीनरी और अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टरों की शक्ति है। यानी की दिल्ली बॉस दिल्ली के लोगों द्वारा चुना गया मुख्यमंत्री और उनका मंत्रीमंडल है।

उन्होंने आगे कहा, दिल्ली का बॉस उपराज्यपाल या केंद्र सरकार द्वारा पैराशूट से भेजा गया कोई गैर निर्वाचित शख्स जैसे की उपराज्यपाल कताई भी नहीं। सारी शक्ति और प्रशासनिक मशीनरी है वो पुरे तरीके से दिल्ली सरकार के अधीन आती है। अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर सरकार कैसी चलानी है? कौन सी नीति आनी चाहिए और अफसरों की जबाब दिही चुनी हुई सरकार के अधीन आती है।

उन्होंने आगे कहा इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सीख लेनी चाहिए। यह बीते आठ साल ये संघर्ष चलता रहा इसमें भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में जो काम रोकने का प्रयास किया। उसके लिए दिल्ली की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।

इससे पहले उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा, "सत्यमेव जयते, दिल्ली की जीत। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से एक कड़ा संदेश जाता है कि दिल्ली सरकार के साथ काम करने वाले अधिकारी निर्वाचित सरकार के माध्यम से दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए हैं।" First Updated : Thursday, 11 May 2023

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