Delhi MCD Election: राजधानी दिल्ली में कल यानी शुक्रवार 26 अप्रैल को होने वाला मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव फिलहाल के लिए टल गया है. पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर पेच पंसने से दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव रद्द हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक मानें तो दिल्ली मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए सिफारिस मुख्यमंत्री को भेजते हैं, जो फिलहाल जेल में है. ऐसे में किसी भी पीठासीन अधिकारी के नाम का प्रस्ताव दफ्तर को नहीं मिला है.
पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और मेयर चुनाव के संबंध में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक नोट भेजा है. नोट में लिखा है, "पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव मुख्य सचिव द्वारा मुख्यमंत्री को भेजा गया था, जिसे उनके कार्यालय ने 22.04.2024 को टिप्पणियों के साथ वापस कर दिया था 'चूंकि मुख्यमंत्री वर्तमान में जेसी के अधीन हैं,
सीएमओ नहीं हैं मैं उनके निर्देश/निर्देशों के लिए उनसे संवाद करने या उनके समक्ष फाइल रखने की स्थिति में हूं. मैं मुख्यमंत्री से इनपुट के अभाव में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए प्रशासक के रूप में अपनी शक्ति का प्रयोग करना उचित नहीं समझता हूं.एलजी नोट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर अगले मेयर चुनाव तक अपने पद पर बने रहेंगे.
एमसीडी सचिव द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, "चूंकि डीएमसी अधिनियम, 1957 (संशोधित 2022) की धारा 77 (ए) के अनुसार पीठासीन अधिकारी का नामांकन अनिवार्य है. इसलिए, मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराना संभव नहीं हो सकता है."
इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने बड़ा आरोप लगाया है. इसके साथ ही गड़बड़ी होने की आशंका जताई है. उनका कहना है कि दिल्ली मेयर चुनाव में भी चंडीगढ़ मेयर चुनाव की तरह ही बेईमानी हो सकती है. ऐसे में कल होने वाले चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि कल दिल्ली में मेयर का चुनाव होना है, लेकिन अब तक पीठासीन अधिकारी के नाम वाली फ़ाइल चुनी हुई सरकार को नहीं मिली है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 'कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में मेयर चुनाव हुए, उसमें किस तरह बीजेपी ने वोटों में बेईमानी करके अपना मेयर चुनने की कोशिश की थी. उस पूरे षड्यंत्र में प्रीसाइडिंग ऑफ़िसर अनिल मसीह मुख्य विलेन थे. प्रिसाइडिंग ऑफ़िसर ही चुनाव कराता है''. साथ ही उनका कहना है कि ''दिल्ली में जब मेयर चुनाव हुआ, 134 पार्षदों के साथ AAP सबसे बड़ी पार्टी थी. सबसे सीनियर पार्षद को प्रिसाइडिंग ऑफ़िसर बनाया जाता है लेकिन LG ने बीजेपी को एक पार्षद को बनाया और बेईमानी से वोट डलवाने की कोशिश की. 26 अप्रैल को फिर मेयर का चुनाव होना है. तय प्रक्रिया है कि मौजूदा मेयर जो शैली ओबरॉय हैं, वे प्रिसाइडिंग अधिकारी होगी. लेकिन LG वीके सक्सेना इस पुरानी प्रकिया को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं''.
First Updated : Thursday, 25 April 2024