देश के 'दिल' में किडनी ट्रांसप्लांट को गोरख धंधा, 7000 पन्नों में हुआ बड़ा खुलासा

Revelations In Delhi Kidney Transplant Racket: दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों से जुड़े किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के मामले में 7,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. इस रैकेट का पर्दाफाश दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जुलाई में किया था. मामले तीन बांग्लादेशी नागरिकों और एक 50 वर्षीय महिला डॉक्टर सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार्जशीट में कुल दस लोगों को आरोपी बनाया गया है.

JBT Desk
JBT Desk

Revelations In Delhi Kidney Transplant Racket: दिल्ली के किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के बारे में पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला डॉक्टर डी विजय राजकुमारी, जो दक्षिण-पूर्व दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में फीस के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन के रूप में कार्यरत थीं. उन्होंने 2021 से 2023 के बीच बांग्लादेश के करीब 15 लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी में भाग लिया था. चार्जशीट के मुताबिक, वो सर्जरियों को नोएडा के यथार्थ अस्पताल में अंजाम देती थीं. यहां की वो विजिटिंग सलाहकार थीं.

गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में डॉक्टर की सहायक विक्रम सिंह और तीन बांग्लादेशी नागरिक- रासेल, मोहम्मद सुमन मियां और मोहम्मद रोकोन उर्फ राहुल सरकार उर्फ विजय मंडल शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण सबूत जुटाए है. इसमें 23 स्टैंप, मरीजों और किडनी दाताओं की जाली फाइलें, फर्जी आधार कार्ड शामिल है. पुलिस के अनुसार, इस रैकेट का मुख्य सरगना रासेल था.

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि रासेल 2019 में भारत आया था और उसने पहले एक बांग्लादेशी मरीज को अपनी किडनी दान की थी. इसके बाद उसने इसे अपने धंधे के रूप में अपना लिया. वह बांग्लादेशी किडनी दाताओं और भारतीय मरीजों के बीच संपर्क स्थापित करने का काम करता था. उसका एक साथी, इफ्ती, बांग्लादेश से दाताओं को भारत लाने में उसकी मदद करता था.

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!