Delhi News: दिल्ली का अंबेडकर अस्पताल में सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है साथ ही यहां पर हजारों की संख्या में लोग अपना इलाज कराने आते हैं. इस अस्पताल में मरीजों का सिलसिला जारी रहता है, लेकिन अंबेडकर अस्पताल को लेकर एक बात सामने आई है जिसमें कहा जा रहा है कि अलगे साल शुरू में महिलाओं और बच्चों को विस्तारित क्षमता के साथ इलाज मिलने की उम्मीद है. वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 461 बिस्तर क्षमता का मातृ-शिशु केंद्र दिल्ली में नहीं है.
एम्स के मातृ एंव शिशु बलाक की क्षमता 427 बिस्तर हैं. अंबेडकर अस्पताल के इस केंद्र में प्रसूता और नवजात के इलाज व देखभाल के लिए आधुनिक सुविधाओं का प्रबंध किया जायेगा.जिसमें हर इंसान को अनेक प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी.
आपको बता दें कि आधुनिक सुविधाओं से लैस सात मंजिला केंद्र राजधानी का सबसे बड़ा मातृ एंव शिशु केंद्र है.अंबेडकर अस्पताल के इस केंद्र में प्रसूता और नवजात के इलाज व देखभाल के लिए आधुनिक सुविधाओं का प्रबंध होगा. गंभीर अवस्था में आने वाली महिलाएं और प्रसूता के लिए 20 आइसीयू बिस्तर का प्रबंध किया जायेगा. केंद्र में 24-24- बिस्तर की दो न्यू बोर्न यूनिट भी बनाई जाएंगी.
जिस यूनिट को बनाया जायेगा उस यूनिट में नवजात शिशुओं को रखा जायेगा. लेकिन आपके लिए यह महत्वपूर्ण जाननी इस सुविधा का लाभ वहीं उठा सकती हैं. जिन महिलाओं ने शिशु को इसी अस्पताल में जन्म दिया है. इसके साथ ही अधिक देखभाल की जिन महिलाओं को जरूरत है. उन्हें प्रसूता के लिए अलग से स्टेप डाउन यूनिट स्थापित करनी होगी. इसके साथ ही महिलाओं के लिए अलग ओपीडी बनाने का फैसला किया गया है. यह ओपीडी अंबेडकर अस्पताल के गेट नंबर एक के पास बन रही है. First Updated : Sunday, 03 September 2023