Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर एक बार फिर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी झूठ बोलने और अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देने की आदत में है.
हालांकि, आंकड़ों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं. आने वाले दिनों में दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना है, जिसका मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं हैं. आज, 21 अक्टूबर को दिल्ली की हवा "बहुत खराब" श्रेणी में है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आज सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 307 है, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है. कई इलाकों का एक्यूआई 300 के पार है.
रविवार को PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 1.7% था. लेकिन 21 अक्टूबर तक यह 1% से बढ़कर कुल प्रदूषण का 2.8% हो सकता है. मंगलवार को यह बढ़कर लगभग 7% होने की उम्मीद है, जिससे दिल्ली की हवा की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ेगा.
हालांकि, मौसम की कुछ स्थितियों में थोड़ी राहत मिल सकती है. वेंटिलेशन इंडेक्स और वायुमंडल में गैसों का मिश्रण बढ़ने से प्रदूषकों का फैलाव तेज हो सकता है. लेकिन ये सुधार पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को पूरी तरह संतुलित नहीं कर सकते.
दिलचस्प बात यह है कि हवा मुख्य रूप से पूर्व से बह रही है, जो पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम कर सकती है. फिर भी, समग्र वायु गुणवत्ता खराब हो गई है. अगर हवा का दिशा परिवर्तन होता है, तो कृषि आग से निकलने वाला धुआं दिल्ली में बढ़ सकता है.
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है, तो इसे 'अच्छा' माना जाता है. 51 से 100 AQI होने पर 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब', और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. First Updated : Monday, 21 October 2024