Delhi AQI: दिल्ली में बिना मास्क के न निकलें बाहर, ज़हरीली होती जा रही हवा, जानिए कैसा रहेगा मौसम?
Delhi AQI: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर है. मंगलवार को इस सीजन में पहली बार धुएं की चादर छाई रही. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में सुबह से ही धुंध देखी गई. कई जगहों पर AQI 400 के पार चला गया.
Delhi AQI: प्रदूषण का मौसम आते ही मंगलवार को पहली बार राजधानी में धुआं भी दिखाई दिया. हवाओं की दिशा बदलने के साथ ही पराली और अन्य कारणों से धुआं राजधानी में आ रहा है. अगले दो-तीन दिनों तक स्थिति धुंधली रह सकती है. सुबह की तुलना में शाम को धुएं के कारण स्थिति ज्यादा खराब हो गयी. तीन बजे के बाद धुएं के कारण विजिबिलिटी भी कम होने लगी. इसके अलावा लोगों को आंखों में जलन, घुटन, थकान, सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याएं भी होने लगीं.
मौसम विभाग के अधिकारी के मुताबिक, सुबह भी धुआं था, लेकिन उसका असर कम था. शाम होते-होते धुआं बढ़ने लगा. इससे विजिबिलिटी भी कम हो गई. हवाओं की धीमी गति और बदली हुई दिशाओं के कारण धुआं भी दिल्ली पहुंच रहा है. अगले दो-तीन दिनों तक स्थिति ऐसी ही रहने की संभावना है.
AQI 350 से ऊपर
सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के एयर बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली का AQI 359 तक पहुंच गया. इस सीजन में पहली बार AQI 350 से ऊपर पहुंच गया है. बहादुरगढ़ में 378, भिवानी में 328, फरीदाबाद में 320, ग्रेटर नोएडा में 375 रहा. राजधानी में पांच स्थानों पर प्रदूषण का स्तर गंभीर रहा. इनमें नॉर्थ कैंपस से 407, रोहिणी से 419, वजीरपुर से 409, मुंडका से 432 और आनंद विहार से 422 लोग शामिल हैं. ज्यादातर जगहों पर यह बेहद खराब रहा.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 1 से 3 नवंबर तक प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में रहेगा. मंगलवार को उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा से हवाएं आईं. उनकी गति भी बहुत कम थी.
रहेगा स्मॉग
मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय मौसम में ज्यादा नमी नहीं है. कोहरा भी नहीं है. कल से बहुत हल्का कोहरा छा सकता है. जब धुआं कोहरे के साथ मिल जाता है तो उसे स्मॉग कहते हैं. लेकिन अभी राजधानी में जो धुंध है वो सिर्फ धुआं है. इसमें कोहरा शामिल नहीं है.
अक्टूबर रहा सबसे ज़्यादा प्रदूषित महीना
अक्टूबर से प्रदूषण शुरू हो जाता है. इस बार अक्टूबर पिछले दो साल से ज्यादा प्रदूषित रहा है. महीने के 18 दिन प्रदूषण तय मानकों से ऊपर रहा. राजधानी को एक भी अच्छा दिन नहीं मिला. मात्र एक दिन संतोषजनक स्तर का पाया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से मिले आंकड़ों से यह बात साफ हो गई है.