नई दिल्ली। मैथिली भाषा के प्रकांड विद्वान और प्रख्यात लेखक डॉ ललितेश मिश्र के एक नई पुस्तक 'परख' का रविवार यानी 14 मई को नई दिल्ली स्थित हिंदी भवन में विमोचन किया। यह किताब मैथिली साहित्य में आलोचना की वास्तविक स्थिति को रेखांकित करती है। यह किताब मैथिल संस्कारों के वर्तमान समाज में जरूरतों पर प्रकाश डालती है।
इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में साहित्य और मीडिया जगत की कई नामचीन हस्तियां मौजूद थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित और आकाशवाणी के डीजी आर्काइव रह चुके गंगेश गुंजन ने की। वहीं डॉ देवशंकर नवीन, डॉ पंकज मिश्रा, प्रो शैलेन्द्र मोहन झा, डॉ. तनुश्री राय चौधरी और डॉ कैलाश मिश्र समेत कई वक्ताओं ने अपनी राय रखी। कार्यक्रम में टीवी के कई चर्चित चेहरे भी शामिल हई। इसमें टीवी एंकर सुमित अवस्थी, वरिष्ठ पत्रकार प्रभात शुंगलू, संगीता तिवारी और मिहिर रंजन शामिल थे।
डॉ ललितेश मिश्र का मैथिली के अलावा हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा की कई कृतियों में भी अहम योगदान रहा है। साहित्यिक परिवार में जन्मे डॉ ललितेश मिश्र मैथिली साहित्य के प्रतिष्ठित सृजनात्मक लेखक एवं आलोचक हैं। उन्होंने मैथिली के अलावा हिंदी एवं अंग्रेजी में भी काफी साहित्यिक योगदान दिया है। उनकी अन्य किताबों में पाइड पोजे (अंग्रेजी) बीत वैतरणी में, रचना रसायन और प्रस्तावना शामिल है। डॉ मिश्र अंग्रेजी के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। वो भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में डीन भी रह चुके हैं। इसके अलावा वो हिन्दुस्तान टाइम्स और टेलीग्राफ जैसे अखबारों के लिए भी पिछले तीन दशकों से लिखते रहे हैं।