Faridabad: कुत्ते ने चबा डाला 22 साल के युवक का कान, 11 घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने दोबारा जोड़ा
Faridabad News: फरीदाबाद एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सर्जनों की एक टीम को 22 साल के युवक के बाएं कान को सफलतापूर्वक जोड़ने में कामयाब मिली है. हालांकि, डॉक्टरों को इसके लिए 11 घंटे तक सर्जरी करनी पड़ी है. बताया जा रहा है कि मरीज को उसके पालतू कुत्ते ने कान में बुरी तरह से काट लिया था. हालांकि, अब मरीज का कान बिल्कुल पहले की तरह हो गया जिसकी वजह से वो बेहद खुश है.
Faridabad News: फरीदाबाद के रहने वाले एक 22 साल के युवक को उसके पालतू कुत्ते ने बुरी तरह से उसके कान को काट लिया था. युवक के कुत्ते ने इस तरह कान में काटा था जिसकी वजह से उसे दोबारा पहले जैसा करना मुश्किल था. हालांकि, हरियाणा के फरीदाबाद जिले के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने युवक के कटे हुए कान को दोबारा से जोड़कर एक अद्भुत कारनामा कर दिखाया है.
जानकारी के मुताबिक, 22 साल के इस युवक पर एक पिटबुल कुत्ता गुस्से में टूट पड़ा. कुत्ते ने युवक के कान को इस कदर चबा डाला कि सिर्फ दो एमएम की चमड़ी से उसका कान जुड़ा हुआ था. हालांकि, डॉक्टरों ने 11 घंटे की मशक्कत के बाद दोबारा उसके कान को वैसे ही जोड़ दिया.
सर्जरी में आई कई चुनौतियां
सर्जरी के दौरान सामने आई चुनौतियों के बारे में बताते हुए प्लास्टिक और पुनर्निर्माण सर्जरी के प्रमुख डॉ मोहित शर्मा ने कहा, कान की रक्त वाहिकाएं बेहद पतली होती हैं और 0.5 मिमी से भी कम मोटी होता है. उन्होंने कहा कि ये सर्जरी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि युवक का कान कटा नहीं बल्कि बुरी तरह चबाया हुआ था. डॉक्टर ने बताया कि युवक के कान में खून की नलियों को दोबारा जोड़ने के लिए शरीर के दूसरे हिस्से से नस का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर धमनी और नस के क्षतिग्रस्त हिस्से को बदलना पड़ा.
2 सर्जरी में लगे 11 घंटे
12 मई को हुई सर्जरी में छोटी वाहिकाओं को फिर से जोड़ने के लिए 40X आवर्धन ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप और सुपर-माइक्रोसर्जिकल उपकरणों का उपयोग करना पड़ा. टीम ने 11 घंटे में दो सर्जरी पूरी की, जिसमें पहला ऑपरेशन छह घंटे और दूसरा पांच घंटे तक चला. डॉक्टर ने बताया कि सर्जरी का सबसे कठिन हिस्सा इतनी छोटी वाहिकाओं में धमनी और शिरा को जोड़ना था. उन्होंने आगे बताया कि पहले हमने जिस धमनी को जोड़ा था, उससे पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो रहा था. इसलिए हमें बेहतर रक्त प्रवाह के लिए दूसरी धमनी से जोड़ना पड़ा