G20 Delhi: अतिथियों को भाया भारत, भारतीय चीज़ों के दीवाने हुए मेहमान, सबने बोला 'नमस्ते भारत'
G20 Delhi: भारत की सांस्कृतिक विरासत देखकर विदेशी मेहमान चकित हैं. विदेशी मेहमानों ने महिला किसानों से बातचीत की. कई चीज़ें इतनी पसंद आई कि बड़ी रकम अदा कर वो खरीद ली.
हाइलाइट
- विदेशी मेहमान एनजीएमए में प्रदर्शनी देखने पहुंचे
- कुटाई से लेकर पिसाई तक की ली जानकारी
G20 Delhi: दिल्ली में चल रहे जी-20 में विदेशी मेहमानों ने कई जगह का भ्रमण किया. जी-20 में मेहमानों के लिए अलग अलग तरह की प्रदर्शनी लगी है. जहां पर भारत की सबसे खूबसूरत कलाकारियों को मेहमानों के लिए लगाया गया है. समृद्ध ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को देखकर अतिथियों को चौका दिया है. महिला किसानों के बातचीत की गई, जिसमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मौजूद रहीं.
विदेशी मेहमानों ने पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पहुंचकर खेती करने वाली महिला किसानों से बातचीत की. महिला किसानों ने उनको श्री अन्न की खेती के महत्व के बारे में बताया. इसमें सबसे अच्छी बात ये रही कि मेहमानों ने सभी का अभिंनदन नमस्ते भारत कह कर किया. महाराष्ट्र से आई महिला किसान के कहने पर ब्राजील के राष्ट्रपति की पत्नी ने जय महाराष्ट्र भी कहा.
ऋषि सुनक की पत्नी भी रहीं मौजूद
जिन मेहमानों ने महिला किसानों से मुलाकात की उनमें प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की पत्नी योको किशिदा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति, विश्व बैंक प्रमुख अजय बंगा की पत्नी रितु बंगा समेत कई औरतें मौजूद रहीं.
प्रदर्शनी देखने पहुंचे विदेशी मेहमान
9 सितंबर का दिन सभी के लिए खास रहा, इस दिन सभी देशों के बड़े नेता एक साथ थे. इस दौरान कई मेहमानों ने एनजीएमए में जाकर प्रदर्शनी देखी. वहां पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले एनजीएमए के पास पेंटिंग, मूर्तियां और तस्वीरों सहित कलाकृतियों का समृद्ध संग्रह है। प्रदर्शनी में हजारों वर्ष पुराने परंपरागत हथकरघा कला से डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, रीतू बेरी, आहूजा एंड संस सुनीता नाहर द्वारा नए डिजाइन में तैयार कपड़ों की जहां विशेष प्रदर्शनी की गई, तो गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे अन्य राज्यों के परंपरागत पसमीना, पटोला, बनारसी साड़ी आदि चीजें दिखाई गईं.
उत्तर प्रदेश के स्टाल पर मुरादाबाद के दिलशाद हुसैन के पीतल के काम को मेहमान टकटकी लगाकर देख रहे थे. इसके साथ ही चीन के डिरेक बालेस ने वाराणसी के सिल्क से बने उत्पादों को खरीदा.