G20 Summit In Delhi: महान शक्ति के रूप में उभर सकता है भारत, जी-20 समिट पर चीनी ग्लोबल टाइम्स का संपादकीय
अखबार ने लिखा कि, पश्चिम देश जो यह कहते हुए नहीं थकते कि वह भारत के साथ खड़े हैं. लेकिन वह भारत में मतभेदों को प्रचारित करने के लिए पहुंचे हैं.
हाइलाइट
- जी-20 आर्थिक सहयोग के लिए विश्व मंच
- पश्चिम यूक्रेन-रूस युद्ध को देगा बढ़ावा
G20 Summit: जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के प्रतिनिधि दिल्ली में प्रस्थान कर चुके हैं, 9 और 10 सितंबर को ताकतवर देशों के प्रतिनिधि ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करेंगे. वहीं, चीन की ओर से राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली क्यांग जी-20 में शामिल हुए हैं. इसी बीच चीन के सबसे बड़े अखबार के संपादकीय पृष्ठ पर भारत से संबंधित लेख सामने आया है.
पश्चिम के देश भारत को मुद्दों से रखना चाहते हैं
बता दें कि न्यूजपेपर ने अपना संपादकीय में लिखा कि भारत इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन में आर्थिक सुधार और बहुपक्षीय कूटनीति चाहता है. हालांकि, यह अमेरिका और पश्चिम देशों की चाहत से दूर जाता है. हमें उम्मीद है कि नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढेगा और एक सफलतना की नई कहानी लिखेगा.
जी-20 आर्थिक सहयोग का विश्व मंच
अखबार ने आगे लिखा कि, पश्चिम देश जो यह कहते हुए नहीं थकते कि वह भारत के साथ खड़े हैं. लेकिन वह भारत में मतभेदों को प्रचारित करने के लिए पहुंचे हैं. वह एक आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख विश्व मंच पर अपने एजेंडे को बढ़ावा देना जरूर चाहेंगे. कई जानकारों का पहले से ही कहना है कि जी-20 शिखर सम्मेलन को पहले से कई ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. कहा ये भी जा रहा है कि इतिहास में पहली बार संयुक्त बयान जारी नहीं होगा.
भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में इन मुद्दों तरजीह देगा
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में आगे लिखा कि भारत इस सम्मेलन में छह प्राथमिकताओं की घोषणा की है. डिजिटल अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, समावेशी विकास, हरित विकास और जलवायु वित्त, प्रोद्योगिकी परिवर्तन और सामाजिक-आर्थिक प्रगति के महिला सशक्तिकरण में सुधार शामिल है. इसके साथ ही पश्चिम सबसे ज्यादा जिस मुद्दे को अहमियत दे रहा वो रूस-यूक्रेन युद्ध है.