Delhi: IAS की तैयारी कराने वाले राव आईएएस स्टडी सेंटर के बेसमेंट की लाइब्रेरी में पानी भरने से दो छात्राओं और एक छात्र की मौत हो गई. भारी बारिश के चलते मुख्य रोड पर पानी भर गया और तल नीचे होने से ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित सेंटर के बेसमेंट में भरने लगा. पढ़ाई कर रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राएं जान बचाने के लिए सीढ़ी के रास्ते भागने लगे. इस दौरान चार-पांच छात्र-छात्राएं फंस गए. इनमें से तीन की मौत हो गई.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शाम करीब 6:30 बजे हुए हादसे के वक्त बेसमेंट में करीब 35 छात्र-छात्राएं थे. सेंटर प्रबंधन ने शुरुआत में खुद ही बचाव के प्रयास किए, मगर पानी तेजी से भरने लगा तो पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी गई.
घटना होने के बाद करीब सात बजे बचाव दल पहुंच गया.अंधेरा होने के चलते बचाव कार्य में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालात बिगड़ने पर एनडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई. पंप के सहारे पानी निकालने के साथ एनडीआरएफ के गोताखोरों ने तलाश शुरू की, तो तीन शव मिले. देर रात तक दमकल की सात गाड़ियां पानी निकालने में लगी हुई थीं. घटनास्थल के बाहर काफी भीड़ जमा हो गई है और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. छात्रों के एक समूह ने एमसीडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के लिए भाजपा दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. भाजपा का कहना है कि ये साफ तौर पर नालों की सफाई न होने की वजह से हुई दुर्घटना है और नाले का पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बहुत तेजी घुसा. इस दुर्घटना के लिए दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है. जल बोर्ड मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए.
नई दिल्ली सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, 'यह बच्चे यहां अपना भविष्य सवांरने आए थे लेकिन दिल्ली की सरकार ने स्थानीय लोगों की एक नहीं सुनी. यहां के विधायक दुर्गेश पाठक से कहा जा रहा था कि वे नाले की सफाई करवाएं लेकिन इसे नहीं करवाया गया. बेसमेंट में पूरा पानी भर चुका है और अंदर के फर्नीचर तैर रहे हैं. इस मृत्यु की जिम्मेदार केजरीवाल सरकार है'.
ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सेंटर में छात्राओं की मौत मामले की मजिस्ट्रेट से जांच होगी. दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव को आदेश देकर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है. राजस्व मंत्री आतिशी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और तत्काल जांच की जानी चाहिए. सभी संबंधित अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने और सभी आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, जिन लोगों की लापरवाही के कारण ये घटना हुई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. दोषियों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाए.
डीसीपी सेंट्रल एम हर्षवर्धन ने कहा, 'हमने आपराधिक मामला दर्ज किया है. हमारी फोरेंसिक टीमें यहां हैं. फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया चल रही है. हम इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमें उचित जांच करनी चाहिए. हम एक मजबूत मामला दर्ज करने और सच्चाई का पता लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अब तक दो लोगों को हिरासत में लिया गया है'.
स्टडी सेंटर में पढ़ाई करने वाले छात्र शिवम ने बताया कि बेसमेंट में लाइब्रेरी के अलावा एक छोटा सा क्लासरूम बना हुआ है. यहां टीचर छात्रों की समस्यों को दूर करते हैं. बेसमेंट में आने और जाने के लिए एक ही रास्ता है. यहां पर बायोमैट्रिक सिस्टम भी लगा हुआ है. करीब 400 गज की इमारत में बेसमेंट के अलावा ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग और ऊपर चार मंजिल इमारत बनी हुई है. शनिवार को एकदम हुई बारिश के बाद सड़क पर करीब साढ़े तीन से चार फीट पानी भर गया. हादसे से कुछ देर पहले ही वो निकला था.
रात को शिवम को पता चला तो भागा हुआ स्टडी सेंटर पहुंचा. यहां पहुंचकर पता चला कि अंदर कई छात्र फंसे हुए हैं. शिवम ने आरोप लगाया कि स्टडी सेंटर प्रशासन की लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है. बाकी बिल्डिंग वालों ने पानी को इमारत में न आने के इंतजाम किए हुए हैं, लेकिन यहां हर बारिश में पानी भर रहा था.
First Updated : Sunday, 28 July 2024