Kailash Gehlot resigns: दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) को रविवार को बड़ा झटका लगा है. वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेजते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी अलग होने का निर्णय लिया.
गहलोत ने कहा कि उन्हें कोई और विकल्प नहीं दिखा, और इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया. उनका मानना है कि पार्टी की प्राथमिकता अब बदल गई है और वह उस दिशा में नहीं जा रही जहां एक आम आदमी के हितों की रक्षा हो सके.
कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे के पत्र में कुछ अहम बातें कही हैं. उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ समय से पार्टी के भीतर के विवादों और गलत दिशा में हो रहे कामों ने उन्हें निराश किया है. पत्र में उन्होंने लिखा, “शीशमहल जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अब भी आम आदमी होने में विश्वास करते हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र सरकार से लड़ाई में बिताती रहेगी, तो दिल्ली के विकास और प्रगति के लिए कार्य करना मुश्किल हो जाएगा.
कैलाश गहलोत ने दिल्ली की पिछली सरकार में परिवहन और पर्यावरण विभाग का कार्यभार संभाला था. उनकी पर्यावरण मंत्री के रूप में काम करने के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई अहम कदम उठाए गए. प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए प्रयासों का नतीजा यह रहा कि दिल्ली में प्रदूषण स्तर में 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी.
इस बार भी गहलोत ने मंत्री पद की शपथ ली थी और नजफगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आए थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अजित सिंह खरखरी को हराया था और दिल्ली सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे.
कैलाश गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे और कई अहम विभागों को संभाल चुके थे. उनके इस्तीफे से पार्टी की छवि और संगठन पर असर पड़ सकता है, खासकर तब जब पार्टी दिल्ली की सरकार चला रही है. गहलोत के इस्तीफे से पार्टी के भीतर कई सवाल खड़े हो गए हैं.
कैलाश गहलोत का इस्तीफा दिल्ली के विकास और प्रगति पर भी असर डाल सकता है. गहलोत ने कई अहम फैसले लिए थे जो दिल्ली के लोगों के हित में थे. उनके जाने से यह चिंता है कि क्या उनकी योजनाएं और प्रोजेक्ट्स बिना रुकावट के पूरे हो सकेंगे. दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए किए गए प्रयासों में उनका बड़ा योगदान था. अब उनके इस्तीफे के बाद यह सवाल भी उठता है कि क्या उनकी योजनाएं जारी रहेंगी या नहीं. First Updated : Sunday, 17 November 2024