Manipur Violence: देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले साल के मई महीने में शुरू हुई हिंसा के बाद से ही राज्य में सामान्य स्थिति नहीं बन पाया है. मणिपुर के अलग- अलग जगहों में लगातार हिंसा की घटनाएं दर्ज की जारी है. इस बीच बुधवार रात और गुरुवार सुबह मणिपुर के कई जिलों में फैली ताजा हिंसा में पांच नागरिकों की मौत हो गई हैं वहीं हिसा की घटना में बीएसएफ के तीन जवान भी घायल हो गए हैं. इससे एक दिन पहले बुधवार सुबह टेंग्नौपाल में सशस्त्र आतंकवादियों के हमले में दो पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे, जिससे दो दिनों में मरने वालों की संख्या सात हो गई है जबकि घायलों की संख्या नौ हो गई है.
गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए जो तनावपूर्ण बने रहे, सुरक्षाकर्मी और प्रशासन आठ महीने से चली आ रही हिंसा पर काबू पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
घटना के बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि बिष्णुपुर जिले में गुरुवार को दोपहर 2 बजे के आसपास निंगथोंग खा खुनौ में सशस्त्र बदमाशों ने चार लोगों की हत्या कर दी, जिनमें सभी मेइतेई समुदाय के लोग थे. मृतकों की पहचान निंगथौजम नबादीप (40), ओइनम बामोनजाओ (63), ओइनम मनिटोम्बा (37) और थियाम सोमेन (56) के रूप में हुई है.
वहीं, गुरुवार दोपहर हथियारबंद बदमाशों के हमले में चार लोगों की मौत हो गई. बिष्णुपुर के पुलिस अधीक्षक मेघचंद्र सिंह ने कहा, हम सभी शवों को बरामद करने में कामयाब रहे हैं और उन्हें पोस्टमॉर्टम और अन्य औपचारिकताओं के लिए इंफाल में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) भेज दिया है.
कथित तौर पर मारे गए चारों लोग एक खेत की जुताई कर रहे थे जब उन पर हमला हुआ और मौतों के बाद, इंफाल घाटी के कुछ हिस्सों में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए. सुबह की एक अलग घटना में, इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप में सशस्त्र ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी हुई, जहां 23 वर्षीय मैतेई तखेलंबम मनोरंजनन की मौत हो गई.
बता दें कि मई 2023 से मणिपुर बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आदिवासी कुकी के बीच जातीय हिंसा की चपेट में है, साथ ही अन्य समुदाय भी इस हिंसा की चपेट में आ गए हैं जो लगातार जारी है. पिछले आठ महीनों में कम से कम 207 लोगों की जान गई है और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
First Updated : Thursday, 18 January 2024