Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा मामले में खुले कई राज, साजिश में बड़े नाम होने की आशंका!
Parliament Security Breach: आरोपियों ने छह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रची थी. आरोपियों ने ये छह व्हाट्सएप ग्रुप भगत सिंह और चन्द्रशेखर आजाद के नाम से बनाए थे.
हाइलाइट
- आरोपियों ने ये 6 वाट्सएप ग्रुप भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद नाम से बनाए
- जांच एजेंसियों को पच नहीं रही आरोपियों की दलीलें
Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा मामले में आरोपियों ने छह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रची थी. आरोपियों ने ये छह व्हाट्सएप ग्रुप भगत सिंह और चन्द्रशेखर आजाद के नाम से बनाए थे. इसके जरिए सभी एक-दूसरे के संपर्क में थे और संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाकर हंगामा करने की योजना बनाई थी. जांच एजेंसियों को आरोपियों की यह दलील पच नहीं रही है कि वे करीब डेढ़ साल पहले ही फेसबुक के जरिए संपर्क में आए थे.
साजिश में हो सकते हैं बड़े नाम
जांच एजेंसियों का मानना है कि इस साजिश में कुछ बड़े नाम शामिल हो सकते हैं. आरोपियों ने भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बनाए गए छह व्हाट्सएप ग्रुपों में संसद के अंदर और बाहर के वीडियो साझा किए थे. इसके साथ ही कुछ फिल्मों के क्लिप भी शेयर किए गए. आरोपियों के इंटरनेट मीडिया अकाउंट की जांच के लिए ही स्पेशल सेल की बड़ी टीम को लगाया गया है.
स्पेशल सेल ने मेटा कंपनी से आरोपियों के सभी ग्रुप का डेटा मांगा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मेटा कंपनी के तहत मैसेंजर ऐप व्हाट्सएप से आरोपियों के सभी ग्रुप का डेटा मांगा है. प्रत्येक ग्रुप के सदस्यों की संख्या, उनकी संख्या और उनके बीच की गई चैट जैसी जानकारी जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया है. जांच एजेंसियां किसी नतीजे पर पहुंचने में इसलिए देरी कर रही हैं क्योंकि अब तक उन्हें किसी भी आरोपी का मोबाइल फोन नहीं मिला है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि साजिश की प्रवर्तन एजेंसियों को पता न चले, एक-दूसरे से संवाद करने के लिए सिग्नल ऐप का इस्तेमाल किया गया.
शहीद भगत सिंह के तरीके को दोहराने कि फ़िराक में थे आरोपी
दरअसल, एंड टू एंड एन्क्रिप्शन के कारण सिग्नल ऐप का डेटा उपलब्ध नहीं है. सिग्नल ऐप की कंपनी का दावा है कि उनके पास डेटा नहीं है. पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि एक साल पहले कर्नाटक के मैसूर में उनकी पहली मुलाकात के बाद उनकी बैठकें अन्य स्थानों पर होती रही हैं. मनोरंजन गौड़ ने लखनऊ के ई-रिक्शा चालक आरोपी सागर शर्मा की मैसूर यात्रा का खर्च वहन करने की बात कबूल की है. जांच एजेंसियों के मुताबिक, आरोपियों की संसद भवन के अंदर पर्चे फेंककर शहीद भगत सिंह के तरीके को दोहराने की भी योजना थी.
कथित मास्टरमाइंड ललित झा ने 13 दिसंबर को संसद भवन में कलर स्मोक पटाखे का धुआं छोड़ने के बाद राजस्थान के नागौर में एक होटल के पास आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन गौड़, अमोल शिंदे और नीलम आजाद के मोबाइल फोन जलाने का दावा किया है. इन चारों आरोपियों के मोबाइल नंबरों के सिम कार्ड दोबारा जारी कराने की कोशिश की जा रही है.
सीआरपीएफ महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने शनिवार को संसद भवन के अंदर अपराध स्थल को फिर से बनाया. इस दौरान सुरक्षा जांच कर रहे अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने का निर्देश दिया गया. दोनों अधिकारियों में से एक ने आरोपी सागर शर्मा और दूसरे ने मनोरंजन गौड़ बनकर संसद भवन के अंदर प्रवेश किया.
सूत्रों के मुताबिक, यह कमेटी न सिर्फ संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच कर रही है, बल्कि कमियों की भी जांच कर रही है, ताकि उनकी रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा को और बेहतर बनाया जा सके. इसके साथ ही घटना के दिन संसद की सुरक्षा में लगे आठ निलंबित कर्मियों के बयान भी जांच एजेंसियां जल्द ही दर्ज करेंगी.