वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश, जानिए क्या-क्या लगाए प्रतिबंध ?
Delhi Air Quality: दिल्ली में दिवाली से पहले से ही प्रदुषण का कहर देखने को मिल रहा है. बीते कुछ दिनों से प्रदुषण का लेवल बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया है जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने राजधानी में GRAP-4 लागू किया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी कई आदेश दिए हैं.
Delhi Air Quality: एक बार फिर दिल्ली के निवासी अत्यधिक प्रदूषण के चलते परेशान हैं. शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम 4 बजे तक 500 के गंभीर स्तर पर पहुंच गया. प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक है कि इससे लाखों लोग स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं और उन्हें घर पर ही रहकर काम करने का आदेश दिया गया है.
सोमवार को दिल्ली में प्रदूषण 494 के लेवल पर पहुंच गया जो सेहत के लिए बेहद खराब है. हालत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की फटकार लगाई है. कोर्ट ने स्कूल बंद, और मास्क पहनने की सलाह दी. इसके साथ ही कामकाजी लोगों को वर्क फ्रोम होम पर विचार करने की बात कही है.
कोर्ट ने क्या-क्या प्रतिबंध लगाए?
कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. वरिष्ठ वकील शंकरनारायण ने सुझाव दिया कि प्रदूषण की गंभीरता को समझाने के लिए स्कूलों को बंद किया जाना चाहिए और अदालतों में भी काम ऑनलाइन किया जाना चाहिए. अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए तय किए गए GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के उपायों को लागू करने में देरी को लेकर दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से सवाल किया. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर को आदेश दिया कि वे तुरंत GRAP चरण 4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए टीमें गठित करें. अदालत ने यह भी कहा कि इन प्रतिबंधों को तब तक प्रभावी रखा जाएगा जब तक AQI 450 से नीचे नहीं आता.
कोर्ट ने जारी किए निर्देश
1. कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे तुरंत 12वीं कक्षा तक की फिजिकल क्लास पर निर्णय लें.
2. इसके अलावा कोर्ट ने एक ऐसा तंत्र बनाएं जिसमें GRAP के चरण 4 के तहत प्रतिबंधों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज की जा सके.
3. इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए प्राधिकरण ने कई प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए, जिनमें ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण कार्य को निलंबित करना शामिल है.
प्रदूषण संकट की गंभीरता
दिल्ली का AQI 494 का स्तर 3 नवंबर 2019 के बाद का सबसे अधिक है. उस समय भी AQI 494 था, जबकि 7 नवंबर 2016 को यह 497 तक पहुंच गया था. वहीं दिल्ली में PM2.5 की सांद्रता सोमवार को दोपहर 12 बजे 820 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गई, जो कि राष्ट्रीय मानक से 14 गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सीमा से 164 गुना अधिक है. PM2.5 एक सूक्ष्म प्रदूषक है जो फेफड़ों और हृदय पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है.
सरकार और प्रदूषण की वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण की यह स्थिति पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने, धीमी हवा की गति और गिरते तापमान के कारण उत्पन्न हुई है. इससे धुआं दिल्ली में आकर फंस गया और फैल नहीं पाया. स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञ महेश पलावत ने कहा कि सतह से ऊपर तेज़ हवाएं होने के बावजूद, स्थानीय स्तर पर हवा का प्रवाह इतना तेज़ नहीं है कि प्रदूषकों को हटा सके.
स्थिति सुधारने के लिए हो रही काम
दिल्ली के वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के अनुसार, यह स्थिति गुरुवार तक बनी रह सकती है. रविवार को AQI 441 और शनिवार को 417 था. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की इस गंभीर स्थिति को सुधारने के लिए मौसम और प्रदूषण की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाने की ज़रूरत है. दिल्ली की जनता प्रदूषण के इस महा संकट का सामना कर रही है और प्रशासन की ओर से उम्मीद कर रही है कि जल्द से जल्द इस समस्या का कोई स्थायी समाधान निकाला जाएगा.