Delhi: बीते कुछ दिनों पहले बाढ़ (Delhi Flood) ने दिल्ली के कुछ इलाकों में लोगों का जीवन अस्त वयस्त कर दिया था. राजधानी में अभी भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है. बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए दिल्ली सरकार ने प्रत्येक परिवार को 10-10 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी. हालांकि अभी भी कई परिवार को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. दिल्ली की रेवेन्यू मिनिस्टर आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को चिट्ठी लिखकर बाढ़ पीड़ितों को मुआवजे मिलने में देरी और अफसरों के काम में ढिलाई पर नाराजगी जताई हैं.
वीरेंद्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से किया था सवाल
इससे पहले प्रदेश भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा था कि कितने बाढ़ प्रभावित लोगों को उनकी सरकार ने 10,000 रुपये की आर्थिक मदद दी है? दिल्ली में यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है और शनिवार सुबह दस बजे उसका जलस्तर 205.36 मीटर दर्ज किया गया था.
केवल 187 परिवारों को मिला मुआवजा
आतिशी ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि यह बड़ा ही चौंकाने वाला है कि बाढ़ राहत कैंप में 4716 परिवार रह रहे हैं, लेकिन केवल 187 परिवारों को ही अब तक ₹10,000 का मुआवजा दिल्ली सरकार से मिला है. कैबिनेट को मुआवजे पर फ़ैसला लिए हुए 10 दिन हो गए. लेकिन 19 आईएएस, 18 दानिक्स साथ में 6 डीएम, 6 एडीए और 18 एसडीएम मिलकर भी केवल 4716 परिवारों को मुआवजा देने का काम पूरा नहीं कर सके.
अगर इस तरह की ढिलाई ये आपदा और इमरजेंसी के समय दिखा रहे हैं, तो सोचिए यह रोजमर्रा के काम में क्या करेंगे? मुख्य सचिव सुनिश्चित करें कि सभी ऑफिसर शनिवार और रविवार को भी मुआवजा देने के काम में लगें, ताकि सोमवार को बाढ़ पीड़ितों के अकाउंट में पैसा पहुंच जाए. 31 जुलाई शाम छह बजे तक मुख्यमंत्री और मुझे मुआवजे की स्टेटस रिपोर्ट दी जाए.
प्रभावित लोगों के लिए कम है मआवजा
इससे पहले प्रदेश भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा था कि कितने बाढ़ प्रभावित लोगों को उनकी सरकार ने 10,000 रुपये की आर्थिक मदद दी है? सचदेवा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "यह मुआवजा उन प्रभावित लोगों के लिए बहुत कम है, जिन्होंने अपना सारा सामान और आजीविका के साधन खो दिए हैं. दस रुपये से कोई अपना मासिक खर्च भी पूरा नहीं कर सकता."
First Updated : Saturday, 29 July 2023