G-20 Summit In Delhi: जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेशी नेताओं के आधिकारिक निमंत्रण के लिए प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखने पर सियासत गर्मा गई है. विपक्षी खेमे ने इसकी आलोचना करते हुए इंडिया शब्द विपक्षी अलायंस से जोड़ा है. जिसका नाम इंडिया है. वहीं, बीजेपी ने कहा कि देश के हर सम्मान पर विपक्ष को इतनी आपत्ति क्यों होती है?
आधिकारिक निमंत्रण में सबसे तलक टिप्पणी अरविंद केजरीवाल की सामने आई है. उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दल अपना नाम बदलकर इंडिया से भारत कर दें तो सत्तारूढ़ दल उसका नाम बदलकर भाजपा कर देगी. सीएम केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि (नाम परिवर्तन) हो रहा है. सिर्फ इसलिए कि कई विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन बनाकर उसका नाम इंडिया रख दिया. क्या अब केंद्र देश का नाम बदल देगा?
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा कि देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी एक पार्टी का नहीं है. अगर आज गठबंधन का नाम बदल भारत रख दें तो क्या वह देश का नाम बीजेपी कर देंगे? उन्होंने कहा कि आज बीजेपी विपक्षी गठबंधन से इतनी परेशान है कि जब इसकी घोषणा की गई तो सत्तारूढ़ ने एक देश, एक चुनाव का मुद्दा छेड़ दिया. वहीं, आप के राज्यसभा सांसद ने कहा कि देश किसी एक पार्टी का नहीं है.
राघव चड्ढा ने ट्विट कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आधिकारिक जी20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रणों पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' से 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' को बदलने के भाजपा के हालिया कदम ने भौंहें चढ़ा दी हैं और एक सार्वजनिक बहस छेड़ दी है। भाजपा 'भारत' को कैसे ख़त्म कर सकती है? देश किसी राजनीतिक दल का नहीं है. यह 135 करोड़ भारतीयों का है। हमारी राष्ट्रीय पहचान भाजपा की निजी संपत्ति नहीं है जिसे वह अपनी इच्छानुसार बदल सके।