Parliament: संसद कक्ष, लॉबी और दीर्घाओं में प्रवेश नहीं कर पाएंगे अब निलंबित सांसद, परिपत्र जारी
Parliament: विपक्ष 13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ पर गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहा है. हंगामे के कारण 141 विपक्षी सांसदों को 19 दिसंबर तक निलंबित कर दिया गया है. इनमें से 107 लोकसभा से और 34 राज्यसभा से हैं.
हाइलाइट
- निलंबित सांसदों को चैंबर, लॉबी और गैलरी में एंट्री नहीं
- सदन से विपक्षी पार्टियों के 141 सांसद सस्पेंड अब तक किए गए हैं
Parliament: बुधवार यानी 20 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र का 13वां दिन है. संसद सुरक्षा चूक मामले और सांसदों के निलंबन पर विपक्ष का हंगामा आज भी जारी रहने की उम्मीद है. विपक्ष 13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ पर गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहा है. हंगामे के वजह से 141 विपक्षी सांसदों को 19 दिसंबर तक निलंबित कर दिया गया है. इनमें से 107 लोकसभा से और 34 राज्यसभा से हैं. मंगलवार देर रात लोकसभा सचिवालय ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें निलंबित सांसदों के संसद कक्ष, लॉबी और गैलरी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
निलंबित सांसद सर्कुलर के मुताबिक क्या नहीं कर पाएंगे?
निलंबित सांसदों का चैंबर, लॉबी और गैलरी में प्रवेश वर्जित है. सांसदों को उन संसदीय समितियों की बैठकों से भी निलंबित किया गया है, जिनके वे सदस्य हैं. इसके अलावा वे समिति चुनाव में वोट भी नहीं दे सकते. कारोबार की सूची में उनके नाम से कोई वस्तु नहीं रखी गयी है. निलंबन अवधि के दौरान सांसदों द्वारा दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं है. पूरे सत्र के लिए निलंबित होने पर, संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की धारा 2 (डी) के तहत निलंबन अवधि के लिए दैनिक भत्ते का हकदार नहीं होने पर, निलंबित सांसद ड्यूटी के स्थान पर मौजूद रहता है और ड्यूटी पर नहीं. माना जा सकता है.
संसद के दोनों सत्रों में आज क्या-क्या होगा?
संसद से निलंबित सांसदों में सबसे ज्यादा 57 सांसद कांग्रेस के हैं. इस मामले पर चर्चा के लिए कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने आज यानी 20 दिसंबर को बैठक बुलाई है. बड़ी संख्या में हुए निलंबन के बाद सदन में विपक्ष की संख्या एक तिहाई रह गई है. लोकसभा में 102 सांसद और राज्यसभा में 94 सांसद आज की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.
गृह मंत्री अमित शाह आज दोपहर 2:30 बजे लोकसभा में 3 नए आपराधिक बिल पर जवाब दे सकते हैं. केंद्र सरकार ने आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट की जगह तीन नए बिल संसद में विचार के लिए रखे हैं. गृह मंत्री के जवाब के बाद तीनों बिल पर वोटिंग होनी है. इसके बाद ये बिल राज्यसभा में पेश किए जाएंगे. वहां से पारित होने के बाद विधेयकों को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही ये 3 बिल कानून बन जाएंगे.
3 विधेयकों से क्या बदलाव होगा?
कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे. आईपीसी में 511 धाराएं हैं, अब 356 रह जाएंगी. 175 धाराएं बदल जाएंगी. 8 नई धाराएं जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म हो जाएंगी.
इसी तरह सीआरपीसी में 533 धाराएं रह जाएंगी. 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी. सुनवाई तक पूछताछ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए करने का प्रावधान होगा, जो की पहले नहीं था.
सबसे बड़ा बदलाव ये है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल के भीतर देना होगा. देश में 5 करोड़ मामले लंबित हैं. इनमें से 4.44 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में हैं.
इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं.
19 दिसंबर को संसद की कार्यवाही के 12वें दिन, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सदन के गेट पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल की. इस दौरान राहुल गांधी अपना वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे. जगदीप धनखड़ ने इस घटना को शर्मनाक बताया. उन्होंने राज्यसभा में कहा- ये मेरे लिए शर्म की बात है. एक किसान, जाट और राज्यसभा सभापति के रूप में मेरा अपमान किया गया.
बीजेपी ने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- अगर देश सोच रहा है कि विपक्षी सांसदों को सस्पेंड क्यों किया गया तो ये है वजह.