Omar Abdullah Case: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनसे अलग रह रही पत्नी से तलाक देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. उच्च न्यायालय ने कहा कि उमर अब्दुल्ला अपनी पत्नी द्वारा लगाए आरोप मानसिक और शारीरिक क्रूरता के किसी भी कृत्य को साबित करने में नाकाम रहे हैं.
उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की शादी 1994 में हुई थी, लेकिन वर्ष 2009 से ही वह एक-दूसरे अलग रह रहे थे. इसके बाद ही उमर ने कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी. लेकिन साल 2016 में फैमिली कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था और अब हाईकोर्ट भी निचली अदालत को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. लेकिन उच्च न्यायालय निचली अदालत के फैसले से सहमत हो गया.
जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की अध्यक्षता वाली दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत के फैसले में कोई खामी नहीं है. अब इस याचिका को खारिज करने के बाद उमर को झटका लगा है. लेकिन अभी उनके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का एक मौका बचा है. अब देखते हैं कि उनका अगला कदम क्या हो सकता है. बता दें कि अदालत ने उमर अब्दुल्ला को पायल को हर महीना 1.5 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए थे. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल पीठ ने अगस्त में कहा था कि उमर अपने बच्चों नहीं छोड़ सकते हैं, क्योंकि वह पिता होने के कर्तव्य का त्याग नहीं कर सकते हैं. First Updated : Tuesday, 12 December 2023