Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा सेंध मामले में कई नए चेहरों का खुलासा, हिरासत में पुलिस अधिकारी का बेटा
Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा सेंध मामले में दिल्ली पुलिस लगातार कई नए चेहरों का खुलासा कर रही है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सेंधमारी मामले में दो और लोगों का खुलासा किया है. गिरफ्तार किये गये आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम लगातार पूछताछ कर रही है.
Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा सेंध मामले में दिल्ली पुलिस लगातार कई नए चेहरों का खुलासा कर रही है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने सेंधमारी मामले में दो और लोगों का खुलासा किया है. गिरफ्तार किये गये आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम लगातार पूछताछ कर रही है. इसके पहले संदिग्धों के बयान और निशान देही के आधार पर देश के अलग-अलग हिस्सों में दो और लोगों से सवाल जवाब किए गए हैं.
दोनों संदिग्धों में से एक पुलिस अधिकारी का बेटा है जो कि पेशे से इंजीनियर है. उसे हिरासत में लिया गया है जबकि उत्तर प्रदेश के जालौन में भी एक शख्स से लंबी पूछताछ की गई है. खबरों के अनुसार, संसद भवन मामले में पुलिस की जांच में दो और संदिग्धों के नाम सामने आ रहे हैं.
मामले में पुलिस लगातार जांच कर रही है. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने कर्नाटक के बागलकोट शहर से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को हिरासत में लिया है. युवक का नाम साई कृष्णा है. उसके पिता टॉप पुलिस ऑफिसर हैं. साई मनोरंजन का दोस्त बताया जा रहा है. बुधवार देर रात तक पुलिस ने उससे पूछताछ की जिसके बाद हिरासत में लेकर दिल्ली लाया जा रहा है.
साथ ही पुलिस उत्तर प्रदेश के जालौन के अतुल कुलश्रेष्ठ नाम के युवक से भी लगातार पूछताछ कर रही है. अतुल कुलश्रेष्ठ 50 साल का है और बेरोजगार है. दोनों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं और संसद मामले में उनकी संलिप्तता की जांच हो रही है. सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में इनकी कोई भूमिका थी या नहीं, इस बारे में पता लगाया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, लोकसभा में 13 दिसंबर को दो व्यक्ति - सागर शर्मा और मनोरंजन डी. - शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन कक्ष में कूद गए थे और इस दौरान दोनों युवक ने ‘केन’ से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए. दोनों को बाद में कुछ सांसदों ने पकड़ लिया था.
मामले की जांच के दौरान पुलिस ने कई व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों के साथ-साथ उनकी 'चैट' को भी खंघाला है. जिस दौरान पता चला कि यह भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर चलाते थे. जानकारी के अनुसार, आरोपी सुरक्षा में सेंध की योजना बनाने के लिए ‘सिग्नल’ एप पर भी बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे.