प्रदूषण से लोगों की हालत खराब, दिल्ली में जल्द बंद हो सकते हैं बच्चों के स्कूल
Air Pollution:सब कुछ हर साल की तरह ही है, दीपावली बीत गई है पराली जल रही है दिल्ली में तमाम तरह की पाबंदियां लागू हैं और एक-एक सांस भारी पड़ रही है. इस मानवजनित विषाक्त वातावरण की कीमत चुकाता है पूरा जीवमंडल मगर किसी चीज में अगर सक्रियता दिखाई पड़ती है. ऐसे में लोगों को सांस से जुड़ी बीमारियों से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
Air Pollution: दिल्ली का प्रदूषण एक बार फिर से चर्चा में है. देश की राजधानी दिल्ली अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से ही गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है. इसका असर एनसीआर यानी नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम तक देखा जा रहा है. दिल्ली व नोएडा के कई इलाकों में एक्यूआई 400 पार कर चुका है. ऐसे में दिवाली की छुट्टियों के बाद खुले स्कूल फिर से बंद किए जा सकते हैं. विभिन्न डॉक्टर्स की मानें तो जहरीली हवा में सांस लेना किसी के लिए भी खतरे से खाली नहीं है.
पिछले साल दिवाली की छुट्टियां खत्म होने के बाद दिल्ली एनसीआर में पॉल्यूशन ब्रेक के तहत स्कूल बंद कर दिए गए थे. यह अपने आप में एक नया कॉन्सेप्ट था क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं किया गया था. हालांकि वातावरण को देखते हुए यह फैसला सही था. इस दौरान कई स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस के जरिए बच्चों का सिलेबस पूरा किया गया था. जानिए इस साल क्या है हाल और क्या स्कूल खुले रहेंगे या फिर से बंद कर दिए जाएंगे.
दिल्ली में घुट रहा है दम
अकूटबर-नवंबर दिल्लीवासियों के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं हैं. इन दोनों महीनों में दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण अपने चरम पर होता है. ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 300 से ज्यादा है. कई जगहों पर तो यह आंकड़ा 400 भी पार कर गया है. ऐसे में बच्चे हों या बड़े, सभी की सेहत को नुकसान पहुंच रहा है. इस स्थिति में कई ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी गई है. वहीं, स्कूलों को भी बंद करने का प्लान बनाया जा रहा है. इसे पॉल्यूशन ब्रेक नाम दिया गया है.
बंद हो गईं हैं एक्टिविटीज
4 नवंबर (सोमवार) से स्कूल खोल दिए गए हैं. लेकिन ज्यादातर स्कूलों में असेंबली नहीं हुई थी. इसके अलावा बच्चों की आउटडोर एक्टिविटीज और पीटी क्लासेस को भी फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है. कई स्कूलों में बच्चों को मास्क लगाकर आने के लिए कहा गया है. पेरेंट्स को भी सलाह दी जाती है कि इस हालात में वह बच्चों का खास ख्याल रखें. उन्हें खेलने व अन्य एक्टिविटीज के लिए बाहर न जाने दें और मास्क का इस्तेमाल करने के लिए मोटिवेट करें.